हिमाचल प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून ने प्रवेश करते ही तबाही मचाई है। इस बार पिछले साल के मुकाबले देरी से पहुंचे मानसून की पहली ही बारिश से शिमला में जगह-जगह भूस्खलन, मलबा आने से व्यापक नुकसान हुआ है। करीब आठ गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। शहर के मल्याणा, चमियाना, भट्ठाकुफर, मिनी कुफ्टाधार सहित अन्य स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। चमियाना में सड़क किनारे पार्क तीन गाड़ियां मलबे में दब गईं। वहीं मल्याणा में पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क किनारे पार्क चार गाड़ियों पर गिर गईं। इससे दो गाड़ियां चकनाचूर हो गईं।
भट्टाकुफर में भूस्खलन से सड़क किनारे पार्क एक कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मिनी कुफ्ताधार का रास्ता मलबा आने से नाले में तब्दील हो गया। शहर की ईदगाह कॉलोनी में भी नुकसान हुआ है। डंगा गिरने से रास्ता बंद हो गया है। पगोग सड़क पर आए पत्थर और मलबा आने से आवाजाही प्रभावित रही। वहीं, जुन्गा रोड पर बारिश का पानी घरों में घुस गया। खलीनी में भी भूस्खलन हुआ है।
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बीती रात झमाझम बरसे बादल
गुरुवार रात को जुब्बड़हट्टी में 136.0, शिमला 84.0, गोहर 42.0, मशोबरा 38.0, सलापड़ 34.6, कुफरी 24.2, बिलासपुर 22.0, घागस 18.8, करसोग 18.2, काहू 16.0 और Pandoh में 12.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। देर रात हुई बारिश से गिरि में भी गाद आने से आपूर्ति घटी है। हालांकि ग्रामीण इलाकों में सूखे से बंद पड़ी पेयजल योजनाओं में फिर आपूर्ति शुरू होने से राहत मिली है।
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कुनिहार-नालागढ़ मार्ग गुरुवार देर रात हुई भारी बारिश से बंद हो गया । एक बार फिर से गंबर पुल के पास काफी मात्रा में मलबा आया है। वहीं पुल को भी खतरा हो गया है। तीन दिन पहले यहीं पर बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था। फिलहाल लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। सड़क को खोलने का काम जारी है।
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सात दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में आज से लगातार सात दिनों तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही अंधड़ चलने का अलर्ट है। विभाग के अनुसार अगले दो दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश के शेष भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
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4 जुलाई तक बारिश का सिलसिला लगातार जारी रहने का पूर्वानुमान है। अगले 72 घंटों में बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन में एक-दो स्थानों पर गरज साथ भारी बारिश की संभावना है। एक-दो स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है।इस साल मानसून सामान्य रहने के आसार हैं। जिला प्रशासन ने नदी-नालों के समीप न जाने की दी हिदायत जारी की है। एचआरटीसी चालकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
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खड़ामुख होली मार्ग पर सुहागा नामक स्थान के समीप सुबह करीब सात बजे भूस्खलन हो गया। इसके चलते वाहनों की आवाजाही थम गई। इस दौरान एक ट्रक गुजर रहा था। गनीमत यह रही कि ज्यादा मलबा ना गिरा अन्यथा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो सकता था। मामले की सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को बहाल किया। इसके बाद वाहनों की आवाजाही करीब तीन घंटो बार शुरू हुई।
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24 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश हुई थी वर्ष 2023 में
वर्ष 2023 के दौरान मानसून सीजन ने कहर बरपाया था। प्रदेश के इतिहास में बीते वर्ष पहली बार सामान्य से 24 फीसदी अधिक बारिश होने से बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं हुई। करीब 500 लोगों की मौत हुई थी। 15 हजार लोग बेघर हुए थे। इस दौरान प्रदेश में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
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मानूसन कब आया और कब गया
2012 27 जून 29 सितंबर
2013 15 जून 19 सितंबर
2014 01 जुलाई 5 अक्तूबर
2015 24 जून 29 सितंबर
2016 21 जून 5 अक्तूबर
2017 01 जुलाई 30 सितंबर
2018 27 जून 01 अक्तूबर
2019 02 जुलाई 11 अक्तूबर
2020 24 जून 30 सितंबर
2021 13 जून 10 अक्तूबर
2022 29 जून 03 अक्तूबर
2023 24 जून 06 अक्तूबर
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कहां कितना न्यूनतम तापमान
शिमला में न्यूनतम तापमान 16.0, सुंदरनगर 21.3, भुंतर 22.3, कल्पा 13.4, धर्मशाला 20.9, ऊना 23.0, नाहन 23.9, पालमपुर 19.0, सोलन 20.3, मनाली 18.5, कांगड़ा 23.4, मंडी 23.4, बिलासपुर 23.0, हमीरपुर 22.8, चंबा 23.5, जुब्बड़हट्टी 18.0, कुफरी 14.4, रिकांगपिओ 18.3, धौलाकुआं 26.3, बरठीं 22.5, देहरा गोपीपुर 27.0, ताबो 11.3, सैंज 21.5 और बजौरा में 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है।