अमेरिका में इसी साल नवंबर में होने वाले आम चुनाव में ओहियो के सीनेटर जेडी वैंस भी अपनी किस्मत आजमाएंगे। रिपब्लिकन नेता और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैंस को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी चुना है। तबसे ही वैंस और उनकी पत्नी उषा चिलुकुरी काफी सुर्खियां बंटोर रहे हैं। अब एक बार फिर सियासी गलियारों में इनका नाम सुनाई दे रहा है। दरअसल, मिल्वौकी में हो रहे रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में भारतवंशी उषा चिलुकुरी वैंस ने अपनी पति का परिचय देते हुए कुछ खुलासे किए। उन्होंने बताया कि वैंस को भारतीय भोजन बनाना आता है।
परिवार का एक अभिन्न हिस्सा बने जेडी
आरएनसी में बोलते हुए उषा ने येल लॉ स्कूल में जेडी वैंस से मिलने का किस्सा सुनाया। आगे बोलते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि वैंस ने जिज्ञासा के साथ हमारे बीच के अंतर को समझा और सांस्कृतिक मतभेदों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, हम दोनों काफी अलग बैकग्राउंड से आए थे। मगर उन्होंने हमारे बीच के अंतर को समझा और अब वह मेरे और मेरी मां के लिए भारतीय खाना बनाते हैं और परिवार का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।
मैं दिल से समझाना चाहती हूं…
उन्होंने कहा, ‘जब मुझसे कहा गया कि मुझे मेरे पति जेडी वैंस का परिचय आप सबसे कराना है तो मैं खो गई थी। मेरे पास एक ही रास्ता था कि मैं आपको दिल से समझा पाऊं कि मैं जेडी से प्यार क्यों करती हूं और उनकी इतनी तारीफ क्यों करती हूं। साथ ही वे संयुक्त राज्य अमेरिका के एक महान उपराष्ट्रपति क्यों बनेंगे।’
जेडी से मिलने का किस्सा सुनाया
उषा चिलुकुरी ने कहा, ‘मैं जेडी से लॉ स्कूल में मिली थी, जब वह ओहियो से यहां आए थे। उन्होंने जीआई बिल के समर्थन से पढ़ाई की थी। वह तब भी और आज भी सबसे दिलचस्प व्यक्ति हैं, जिसे मैं जानती हूं। एक कामकाजी वर्ग का लड़का जिसने बचपन के उन दुखों पर काबू पाया था, जिन्हें मैं मुश्किल से समझ पाती थी कि वह येल लॉ स्कूल में कैसे पहुंच गया। एक सख्त मरीन जिसने इराक में सेवा की थी। मगर अपने खाली समय को पिल्लों के साथ खेलने और फिल्म ‘बेब’ देखने में बिताते थे।
उन्होंने यह भी बताया, जिस जेडी से मैं तब मिली थी, वही जेडी है जिसे आप आज जानते हैं और इस नई भूमिका में उनके लक्ष्य वही हैं, जिनके बारे में उसने अपने परिवार को बताया था। भारतीय प्रवासियों की बेटी उषा वैंस का लालन-पालन सैन डिएगो के उपनगरीय इलाके में हुआ। उन्होंने येल से स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।