मध्य प्रदेश के रीवा में चौंकाने वाले घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है। इसमें महिलाओं पर मुरम डालने की तस्वीरें कैद हुई हैं। मामले में अब सियासत भी गर्मा गई है। कांग्रेस लगातार हमला कर रही है।
जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा है। आशा पांडेय और उनकी देवरानी ममता पांडेय का अपने ससुर गौकरण पांडेय से जमीन को लेकर विवाद है। इस जमीन पर से गौकरण पांडे रास्ता निकालना चाहते हैं, और आशा पांडेय का परिवार इसका विरोध कर रहा है।

पुलिस की मानें तो शनिवार दोपहर करीब 2 बजे गौकरण पांडेय और देवर विपिन पांडेय विवादित जमीन पर सड़क बनवाने के लिए हाइवा से मुरम लेकर पहुंचे थे। इसे देख आशा पांडेय अपनी देवरानी ममता पांडेय के साथ जाकर हाइवा क्रमांक एमपी 17 एचएच-3942 के चालक को मुरम गिराने से मना करने लगीं। हाइवा चालक ने दोनों की बात नहीं सुनीं। विरोध स्वरूप ममता और आशा मुरम गिरने वाली जगह पर बैठ गईं ताकि मुरम न गिराई जा सके। पर डंपर चालक को इसकी भनक नहीं लगी और वो उसने हाइवा की ट्रॉली उठाकर मुरम खाली कर दी और पीछे बैठी दोनों महिलाएं दब गईं। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की। कोई हाथ पकड़कर खींच रहा ता तो कोई फावड़े से मुरम हटाने लगा। काफी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने बताया कि शनिवार को रीवा जिले के मनगंवा थाने के ग्राम हिनोता कोठार में एक पारिवारिक जमीन विवाद में दो महिलाओं आशा पांडे और ममता पांडे पर मुरम गिरी थी। ये परिवार पांडे परिवार है। इसमें कोई दलित/आदिवासी महिला नहीं थीं। पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज कर डंपर जब्त किया गया है। एक आरोपी विपिन पांडे पुलिस की गिरफ्त में है। अन्य दो आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।

एक आरोपी को हिरासत में लिया, डंपर भी जब्त
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि यह एक पारिवारिक विवाद है। इस प्रकरण में पुलिस ने डंपर को जब्त कर लिया है। आरोपी विपिन पांडेय को पुलिस ने हिरासत में लिया है, वहीं दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। महिलाओं का भी अस्पताल में उपचार कराया गया, जहां से उन्हें छुट्टी दे दी गई है।

कांग्रेस हुई हमलावर
मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि रीवा ज़िले की इस घटना ने एक बार फिर भाजपा शासन की महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं! वैसे भी मध्य प्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है! सीएम मोहन यादवजी, रीवा के मनगवां की इन बहनों को मुरम में दबाया गया और उनकी जान लेने की कोशिश की गई! क्या आपकी सरकार से यह बहनें उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष एवं त्वरित जांच होगी और उन्हें प्राथमिकता से न्याय मिलेगा? खैर आपकी सरकार महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है! पूर्व मंत्री अरुण यादव ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता कुणाल चौधरी ने कहा कि आरोपियों को सरंक्षण प्राप्त है। अपराधियों में डर खत्म हो गया है। महिला आयोग की पूर्व सदस्य एवं कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा का कहना है कि मप्र में महिलाएं असुरक्षित हैं। रीवा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार बेटियों-बहनों के साथ अन्याय होने से रोक नहीं पा रही है। मप्र की बहनें देशभर में सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।