अलीगढ़ जेल में निरुद्ध हाथरस सत्संग कांड के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित 11 लोगों से भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के अधिवक्ता एपी सिंह शनिवार को मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि साकार विश्व हरि के नाम न कोई आश्रम है और न ही कोई गाड़ी है। अगर कोई एक भी आश्रम उनके नाम साबित हो जाए, तो वह सभी 25 आश्रम साबित करने वाले को दान कर देंगे। उन्होंने हाथरस सत्संग हादसे को साजिश करार दिया।
बाबा साकार विश्व हरि के अधिवक्ता डॉक्टर एपी सिंह 20 जुलाई शाम को चार बजे जिला कारागार पहुंचे। जहां उन्होंने हाथरस सत्संग कांड के आरोपी मुख्य आयोजक देवप्रकाश मधुकर सहित 9 लोगों से व महिला कारागार में दो महिला आरोपियों से वार्ता की। वह करीब डेढ़ घंटे तक जेल में रहे। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ लोग एसआईटी को सौंपे थे। उन्हें एसआईटी ने कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा है। वह उन्हीं सभी लोगों से मिलने आए थे। जेल में बंद उनके लोगों ने उन्हें वही बात बताई है, जो घटना के बाद अस्पतालों में घायलों ने बताई थी।

उन्होंने दावा किया कि हादसे से 35 मिनट पहले बाबा साकार विश्व हरि सत्संग स्थल से जा चुके थे। करीब 15 लोग हाथों में जहरीले स्प्रे लेकर आए और उन्होंने भीड़ पर स्प्रे करना शुरू कर दिया। बाद में वह सभी लोग अपनी स्कॉर्पियो, बोलेरो गाड़ियों से एटा की तरफ भाग गए। जहरीला स्प्रे होने से कुछ लोग बेहोश हो गए और भगदड़ मच गई। इस कारण यह गंभीर घटना हुई है। इस घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी साजिश माना था। यह साजिश अराजक तत्वों और राजनीतिक दलों की भी हो सकती है, जो राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम और अस्थिर करना चाहते हैं। वह भी ऐसा कर सकते हैं। डॉ. एपी सिंह ने कहा कि हमको सरकार और पुलिस प्रशासन पर पूरा भरोसा है और हम जांच में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।
राज्यपाल के बयान का डॉ. एपी सिंह ने किया समर्थन
प्रदेश की राज्यपाल द्वारा अंधविश्वास पर भरोसा नहीं करने वाले बयान का डॉ. एपी सिंह ने पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि अंधविश्वास से कोई काम नहीं होता, न कैंसर का मरीज सही होता है, न अन्य काम होते हैं। वह भी अंधविश्वास में विश्वास नहीं करते है। उन्होंने आम नागरिकों से भी अंधविश्वास में विश्वास नहीं करने की अपील की। बाबा भी अंधविश्वास नहीं फैलाते हैं। बाबा के समागमों में चरण छूना भी वर्जित है। बाबा मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम, आपसी भाईचारे व बुरे कामों से दूर रहने का ही प्रवचन देते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा के 25 आश्रम में से एक भी आश्रम उनका नहीं है। न ही बाबा के नाम कोई गाड़ी है और न ही किसी प्रकार की संपत्ति है। बाबा को जो पेंशन मिलती है, उसी से अपना जीवनयापन कर रहे हैं। बाबा न किसी के घर जाते हैं न होटल में जाते हैं। वह सिर्फ आश्रम में ही विश्राम करते हैं।
आखिर कब शुरू होगी देवप्रकाश के बैंक खातों की जांच
भोले बाबा के अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि बाबा के नाम कोई संपत्ति नहीं है। न कोई आश्रम है। मगर पुलिस ने देवप्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के समय दावा किया था कि वह बाबा के लिए फंड एकत्रित करने और आयोजन करने की भूमिका निभाता है। इसके बैंक खातों में लेनदेन की जांच होगी। धन कहां से कितना आता है और कहां जाता है। यह सब देखा जाएगा। इसके बाद पुलिस स्तर से बैंकों से देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य सभी आयोजकों के बैंक खातों का ब्योरा मांगा है। मगर अभी तक बैंक स्तर से पुलिस को यह जानकारी नहीं मुहैया कराई गई है। इस विषय में एसपी हाथरस बार-बार यही कहते हैं कि बैंकों से ब्योरा मिलने का इंतजार है। बार-बार प्रयास किया जा रहा है।