बजट से पहले वित्त मंत्री ने पेश किया इकोनॉमिक सर्वे, 7 फीसदी रह सकती है देश की ग्रोथ

बजट 2024 से पहले देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद पटल पर सोमवार को इकोनॉमिक सर्वे पेश कर दिया है. प्री बजट डॉक्युमेंट कहे जाने वाले इस इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की ग्रोथ 6.5 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक रह सकती है. जून के महीने में आरबीआई ने जो ग्रोथ अनुमान लगाया है वो 7.2 फीसदी है. ऐसे में सरकार ने आरबीआई के मुकाबले देश की ग्रोथ का अनुमान कम लगाया है.

वहीं महंगाई को लेकर भी सरकार अपने तौर पर काम कर रही है. इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार देश की महंगाई काबू में है और जिस तरह​ से दुनिया में जियो पॉलिटिकल टेंशन का माहौल बना हुआ है. उसके मुताबिक देश की इकोनॉमी काफी बेहतर स्थिति है.

लोकसभा में रिपोर्ट पेश करने के दोपहर 2 बजे इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की जाएगी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह बजट अलगे पांच साल की दशा और दिशा तय करेगा. साथ ही देश को साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में अहम योगदान देने का प्रयास करेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश इकोनॉमिक सर्वे में किन अहम बिंदुओं का जिक्र किया गया है.

इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार ग्लोबल इकोनॉमी अभी भी संकट में है. जिसका असर कैपिटल फ्लो में देखने को मिल सकता है. सर्विस सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल सकती है. ऐसे में जॉब क्रिएट करने में कॉरपोरेट की बड़ी भूमिका देखने को मिल सकती है. 2023 की पहली तिमाही में अर्बन इलाकों में बेरोजगारी दर कम होकर 6.7 फीसदी रहने की बात कही गई है. वहीं इकोनॉमिक सर्वे में यह भी कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में आईटी सेक्टर में ज्यादा हायरिंग की कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही है.

हर साल कितनी जॉब की जरुरत

इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार भारत की इकोनॉमी की रफ्तार को बनाए रखने और इसमें इजाफा करने के लिए देश की इकोनॉमी में वर्क फोर्स को बढ़ाने की जरुरत है. इस जरुरत को पूरा करने के लिए साल 2030 तक नॉन एग्री सेक्टर में हर साल एवरेज 78.5 लाख जॉब की जरुरत होगी. ताकि देश को विकसित राष्ट्र की ओर ले जाया जा सके.

कितनी रह सकती है जीडीपी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हुए कहा कि ये वित्त वर्ष 2023-24 का इकोनॉमिक सर्वे है। इस सर्वे में जीडीपी ग्रोथ, महंगाई, रोजगार, फिस्कल डेफिसिट समेत कई आंकड़ों को शामिल किया है. उन्होंने कहा कि देश की इकोनॉमी बेहतर स्थिति में है, वो भी तब जब दुनिया जियो पॉलिटिकल टेंशन से जूझ रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी से लेकर 7 फीसदी पर रह सकती है. जबकि बीते वित्त वर्ष में देश की ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी देखने को मिली थी. वैसे सरकार ने जो अनुमान दिया है वो आरबीआई के 7.2 फीसदी के अनुमान से कम है.

कृषि पर फोकस बढ़ाने की जरुरत

इकोनॉमिक सर्वे में एग्रीकल्चर सेक्टर पर फोकस बढ़ाने की जरुरत बताई है. वैसे सर्वे में कहा गया है कि सरकार का जोर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर दिखाई देगा. इस साल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 33 असेट्स की पहचान की गई है. जिसे सेल किया जा सके. सर्वे के अनुसार प्राइवेट सेक्टर के मुनाफे में बढ़ोतरी देखने को मिली है, लेकिन जॉब क्रिएशन के मामले में काफी पीछे रहे हैं.

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