सुकमा: बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, शव को कंधे पर लादकर 20 किमी दूर गांव पहुंचे ग्रामीण

सुकमा जिले में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। हालात ऐसे हैं कि जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। भारी बारिश के बीच जिले भर से अलग-अलग तस्वीर निकलकर आ रही हैं। इन तस्वीरों में एक ऐसी तस्वीर आई है जहां शव को ग्रामीणों ने चारपाई के माध्यम से 20 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचे।

मामला सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित किस्टाराम इलाके के अरलापेंटा का है। जहां गंभीर बीमारी से ग्रसित एक ग्रामीण की देसी इलाज के दौरान मौत के बाद ग्रामीण के शव को इतनपाड गांव से उसके ग्रह ग्राम अरलापेंटा ले जाया जाना था, लेकिन नदी नाले उफान पर होने की वजह से शव को वाहन के जरिए नहीं ले जाया जा सका। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा यह फैसला लिया गया कि शव को चारपाई की मदद से पैदल ही 20 किलोमीटर दूर अरलापेंटा ले जाया जाए। शव को चारपाई की मदद से अरलापेंटा तक पहुंचने में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

पैसों की तंगी से अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ था मरीज 
गौरतलब है कि अरलापेंटा का ग्रामीण गंभीर बीमारियों से ग्रसित था और पिछले कुछ दिनों से तेलंगाना के भद्राचलम के एक निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहा था, लेकिन एक समय के बाद पैसों की तंगी की वजह से मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज होना पड़ा। इसके बाद बीमार ग्रामीण का इलाज बैगा के भरोसे शुरू हुआ जहां झाड़-फूंक और देसी इलाज किया जा रहा था। आखिरी वक्त में देसी इलाज भी मरीज के काम ना आया और ग्रामीण की मौत हो गई। 

इलाका नक्सल प्रभावित होने की वजह से जिले के 50 फ़ीसदी से अधिक इलाकों में सड़कें नहीं बन पाईं। जिस वजह से इन इलाकों के ग्रामीणों को रोजमर्रा के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से रोज दो-चार होना पड़ता है। बारिश के मौसम में इन इलाकों के ग्रामीणों को सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई बार इलाज के अभाव में यहां ग्रामीणों की मौत हो जाती है और मौत का कारण तक सामने नहीं आ पाता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here