गुलदार को मारने के आदेश जारी, टिहरी में नौ साल की बच्ची को बनाया था निवाला

टिहरी में घर के आंगन में खेल रही नौ साल की बच्ची को सोमवार को गुलदार ने निवाला बना लिया था। घटना के तीन घंटे बाद घर से लगभग 30 मीटर दूरी पर झाड़ियां के बीच बच्ची का आधा खाया हुआ शव बरामद किया गया है। इस घटना के बाद गांव में कोहराम मचा हुआ है। वोगों के आक्रोश को देखते हुए आज  गुलदार को मारने के आदेश जारी कर दिए गए।

हिंदाव पट्टी के भौड गांव निवासी रूकम सिंह की नौ वर्ष की बेटी पूनम स्कूल से आने के बाद घर के आंगन पर अकेले ही खेल रही थी। उसके तीन अन्य भाई बहन घर के अंदर थे। बच्चों की मां उषा देवी शिवालय में जलाभिषेक करने गई हुई थी।

शाम चार बजे के लगभग मां मंदिर से वापस घर लौटी तो पूनम घर पर नहीं मिली। जबकि पूनम की बड़ी बहन प्रियंका, छोटा भाई प्रिंस और आराध्या कमरे में सो रखे थे। मां ने आसपास ढूंढ खोज की तो पूनम का कहीं पता नहीं चल पाया। आसपास के अन्य लोगों ने भी ढूंढ खोज शुरू की तो घर से कुछ दूरी पर रास्ते में पूनम की चप्पल और खून के धब्बे मिले।

Order to kill the leopard, a nine-year-old girl playing in the courtyard of her house in Tehri was killed

शाम छह के लगभग पूनम का शव घर से लगभग 30 मीटर दूरी पर झाड़ियां के बीच पड़ा हुआ मिला। गांव के विक्रम सिंह घणाता ने बताया कि पूनम गांव के स्कूल में कक्षा चार में पढ़ती थी।

Order to kill the leopard, a nine-year-old girl playing in the courtyard of her house in Tehri was killed

उसके पिता विदेशी होटल में नौकरी करते हैं। रेंजर आशीष नौटियाल ने बताया कि गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगाया गया है और उसकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए ट्रैप कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।

Order to kill the leopard, a nine-year-old girl playing in the courtyard of her house in Tehri was killed

गुलादर के आतंक के खिलाफ दूसरी ओर देवप्रयाग में जनप्रतिनिधियों  और छात्र छात्राओं का प्रदर्शन करते हुऐ तहसील मुख्यालय पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने लापरवाह वनकर्मियों को हटाने की मांग। नगर क्षेत्र के आसपास गुलदार को पकड़ने के लिए पिजरे लगाने की मांग।

Order to kill the leopard, a nine-year-old girl playing in the courtyard of her house in Tehri was killed

प्रदर्शनकारियों ने पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा देने की मांग।  गुलादर की बढ़ती संख्या को देखते हुए सशस्त्र वनकर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ वाहन लगाने की मांग। 

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