बजट: वित्त मंत्री हरपाल चीमा बोले- किसान के हिस्से कुछ नहीं आया

चंडीगढ़। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में पंजाब के हिस्से कुछ नहीं आया और पंजाब की जानबूझकर अनदेखी की गई है।

भाजपा को छाेड़कर लगभग सभी पार्टियों ने यही प्रतिक्रिया दी है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बजट में महिलाओं, गरीबों और किसानों की चिंताओं की अनदेखी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में पंजाब के हितों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।

हरपाल सिंह चीमा ने उर्वरक सब्सिडी में 36 प्रतिशत की कटौती के खतरनाक परिणामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 25,000 करोड़ रुपए के मुकाबले वित्त वर्ष 2024-25 में 16,000 करोड़ रुपए के बजट का प्राविधान किया गया है।

इस भारी कटौती से न केवल देश के किसानों पर बोझ बढ़ेगा बल्कि पंजाब की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जहां कृषि एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

MSP की गारंटी देने में विफल रही सरकार: हरपाल चीमा

उन्होंने कहा कि यह कदम विशेष रूप से केंद्र सरकार की किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देने और उनकी आय दोगुनी करने की घोषित प्रतिबद्धता को देखते हुए चिंताजनक है। इसके अलावा, बजट किसानों के लिए महत्वपूर्ण न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने में विफल रहा है, जिससे उनकी अनिश्चितता और बढ़ गई है।”

वित्त मंत्री चीमा ने निराशा व्यक्त की कि यह बजट पंजाब के किसानों के लिए कोई अतिरिक्त, निर्धारित राहत प्रदान करने में विफल रहा है, जो पहले ही जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण और स्थिरता जैसी विशिष्ट चुनौतियों से जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ की आशंका के बावजूद, बजट में राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाली बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के लिए पर्याप्त, विशिष्ट फंड आवंटित करने की उपेक्षा की गई है।

हरपाल चीमा ने केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार

वित्त मंत्री चीमा ने वित्तीय असमानताओं और क्षेत्रीय असंतुलन को बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी पहाड़ी राज्यों के साथ तरजीह व्यवहार के कारण पहले से ही क्षेत्रीय असमानताओं के प्रति पंजाब को एक बार फिर केंद्र सरकार द्वारा भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा है।

चीमा ने कहा कि अतिरिक्त वित्तीय पैकेज हासिल करने वाले बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के विपरीत पंजाब को किसी भी विशेष वित्तीय सहायता से वंचित रखा गया।  उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का भेदभाव क्षेत्रीय असंतुलन को बढ़ा सकता है और पंजाब के विकास पथ को बाधित कर सकता है।

कोई परियोजना नहीं की गई आवंटित: हरपाल चीमा

चीमा ने पंजाब की विकास कार्यों से जुड़ी आवश्यकताओं, विशेष रूप से पर्यटन के क्षेत्र में जानबूझकर अनदेखी करने के लिए केंद्र सरकार की कड़ी निंदा की, जहां कोई भी परियोजना आवंटित नहीं की गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि बजट में पूर्वी क्षेत्र का पूरा ध्यान रखा गया है और पंजाब सहित उत्तर-पश्चिमी सीमावर्ती राज्यों की उपेक्षा की गई है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, केंद्र सरकार पंजाब को उसके एम.एस.एम.ईज़ के लिए कोई निर्धारित सहायता या अतिरिक्त फंड प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही है, जो स्थानीय रोजगार और आर्थिक विकास के लिए बेहद जरूरी हैं।

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