बिहार में पेपर लीक करने वालों पर नीतीश सरकार ने कड़ी नकेल कसने का इंतजाम कर दिया है। दरअसल, बुधवार को एंटी पेपर लीक कानून बिहार विधानसभा में पास हो गया। इस कानून के पास होने के बाद अब राज्य में पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने वालों पर 1 करोड़ तक का जुर्माना लगेगा और 10 साल तक की जेल मिलेगी।
गैर जमानती होगा अपराध
इस कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे। नीतीश सरकार ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया था कि सरकार मानसून सत्र के पहले ही दिन तीन बड़े बिल पेश करेगी जिसमें से एक एंटी पेपर लीक लॉ होगा। इस लॉ में पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों या साजिशकर्ताओं पर 10 साल की सजा के साथ एक करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही किसी भी छात्र या समूह के लिए सजा के प्रावधानों को बढ़ाया जा सकता है।
कर्मचारियों पर भी होगी सख्त कार्रवाई
इस कानून के मुताबिक, अगर परीक्षा में शामिल कोई भी कर्मचारी पेपर लीक में दोषी पाया जाता है तो उसके लिए भी एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही परीक्षा में जो भी खर्च आएगा, उसकी वसूली उन्हीं कर्मचारियों से की जाएगी और उन्हें चार साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार पहले ही बना चुकी है कानून
बता दें कि बिहार सरकार से पहले केंद्र सरकार भी एंटी पेपर लीक को लेकर एक कानून बना चुकी है। नेट-यूजीसी यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती, बैंकिंग जैसे परीक्षाओं की पेपर लीक करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़े एक्शन के लिए यह कानून बनाया था। मोदी सरकार ने इसे सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 नाम देते हुए इसी साल फरवरी में पारित किया था और इसी साल जून में इसे लागू कर दिया गया था।