उपचुनाव का डर या कुछ और… भजनलाल नहीं चाहते जोशी का इस्तीफा स्वीकार हो

राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने तीसरी बार इस्तीफे की पेशकश की है। विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के तुरंत बाद सीपी जोशी ने अपना इस्तीफा देने की बात कही थी, जिसको केंद्रीय नेतृत्व बीजेपी ने अस्वीकार कर दिया था।

बता दें कि लोकसभा चुनाव में भी एक बार फिर सीपी जोशी ने अपना इस्तीफा देने की बात कही थी। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने दूसरी बार भी इस इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया था। अब एक बार फिर सीपी जोशी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को अपने इस्तीफे की पेशकश की है। यह तीसरा मौका है, जब सीपी जोशी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं।

प्रदेश में चल रही राजनीतिक चर्चाओं के बीच यह भी चर्चा चल रही है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नहीं चाहते कि सीपी जोशी का इस्तीफा स्वीकार किया जाए। अगर सीपी जोशी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो प्रदेश को एक नया बीजेपी अध्यक्ष मिलेगा, जिसके पास उपचुनाव तक पर्याप्त समय नहीं होगा। अतः उपचुनाव में आने वाले नतीजे की संपूर्ण जिम्मेवारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कंधों पर होगी। अगर बीजेपी पांच उपचुनाव में जीत हासिल करती है तो उसका श्रेय भजनलाल शर्मा को जाएगा और हार की भी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ही होगी।

इस परिस्थिति के अंदर मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष बदला जाए। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी नहीं चाहते कि उनके नेतृत्व में ही उपचुनाव हो। क्योंकि अगर उसके बाद अगर सीपी जोशी पद छोड़ते हैं तो चुनाव के नतीजे का परिणाम माना जाएगा।

खबर का हुआ असर
अमर उजाला ने कहा था कि बृहद कार्य समिति सीपी जोशी का आखिरी बड़ा कार्यक्रम साबित हो सकता है। बृहद कार्य समिति करने के बाद सीपी जोशी ने अपने इस्तीफा की पेशकश केंद्रीय नेतृत्व को की है।

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