हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवडिया शिवलियों की ओर बढ़ रहे हैं। हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक कांवड़ मार्ग केसरिया रंग में रंगने लगे हैं। मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को कांवड़िए बारिश के बावजूद अपने गंतव्यों की ओर बढ़ते नजर आए। वहीं राम मंदिर के माॅडल वाली कांवड़ ने सभी को आकर्षित किया तो कही पीएम मोदी और सीएम योगी की कांवड़ लेकर आते हुए शिवभक्त नजर आए।
90 वर्ष के रमेश 9 घंटे में हरिद्वार से कांवड़ लेकर पहुंचे भोपा
मुजफ्फरनगर के भोपा क्षेत्र के नंगला कबीर गांव का रहने वाला कांवड़िए रमेश(90) अब तक 55 कांवड़ ला चुके हैं। हौसले और श्रद्धा से बुढ़ापे को मात देते हुए वह मात्र 9 घंटे में हरिद्वार से चलकर जल लेकर भोपा पहुंचे।
सिखेड़ा क्षेत्र के गांव नगला कबीर निवासी रमेश ने बताया कि उनके परिवार के एक व्यक्ति के संतान नहीं थी, जिस पर उन्होंने बोल कबूल की। कुछ समय बाद मन्नत पूरी होने पर उन्होंने कांवड़ चढ़ना प्रारंभ किया। तभी से वह कांवड़ चढ़ा रहे हैं। वह यह भी बताते है कि एक वर्ष मे दो बार श्रवण माह और फाल्गुन माह में कांवड़ चढ़ाई जाती है। कोरोना काल और एक दो बार किसी मजबूरी के कारण वह कांवड़ नहीं ला सके।
कांवड़ का चलन तो बढ़ा है पर नियम भूल गए
रमेश का कहना है कि कांवड़ का चलन तो बढ़ा है पर अधिकांश लोग कांवड़ चढ़ाने के नियम कायदे भूल गए हैं। वह किसी टोली में शामिल होकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर नहीं आते। कांवड़ चढ़ाने का लाभ तभी मिलता है जब हम पूरी श्रद्धा और नियम कायदों का पालन करे।
माता-पिता की खुशी के लिए कांवड़ लाया गोलू
हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवभक्त कांवडियां हर हर महादेव जयघोष के साथ शिवालयों की ओर बढ रहे हैं। नोएडा के कांवडियां गोलू ने बताया कि पहली बार अपने माता-पिता के नाम पर कांवड उठाई हैं। राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के शिवभक्त भगवान शिव का जयघोष करते हुए गुजर रहे हैं। अलवर निवासी शिवभक्त श्यामलाल अपने परिवार के गंगा सिंह, जंगीरो, लक्ष्मी, जया, शंकर के साथ लगतार 12वीं कांवड लेकर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि भगवान भोलेनाथ उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। इसलिए वह परिवार के साथ प्रति वर्ष श्रावण मास में गंगाजल लेकर जाते हैं।

नजफगढ़ के तीन दोस्त लाएं कांवड़
नजफगढ़ दिल्ली निवासी कांवडिया सचिन, अभिषेक, जितिन ने बताया कि वह तीनों दोस्त हैं। तीनों मिलकर लगातार तीसरी कांवड़ लेकर आ रहे हैं। परिवार की सुख शांति की मानोकामना के साथ कांवड़ लाते हैं।
दिल्ली निवासी कांवड़ियों सूरज ने बताया कि विश्व शांति की मनोकामना के लिए उन्होंने पहली कांवड़ उठाई है। वह अपने भाई के साथ हरिद्वार से गंगाजल लेकर जा रहे हैं। कांवड़ मार्ग पर लगाए गए शिविर में लोग शिवभक्तों की सेवा कर रहे हैं।

हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली राम मंदिर की कांवड़
राम मंदिर की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर आए दिल्ली के रमेश ने बताया कि वह श्री राम मंदिर मॉडल की झांकी लेकर आए हैं।

पीएम और सीएम की कांवड़ लाए तरुण
मेरठ के तरुण कुमार ने पीएम मोदी और सीएम योगी के कटउाउट वाली कांवड़ उठाई है। वह मेरठ के औघड़नाथ मंदिर पर जलाभिषेक करेंगे। उनका कहना है कि पीएम और सीएम ने देश और प्रदेश के लिए बढि़या काम किया है इसलिए वह उनकी कांवड़ लेकर आ रहे हैं।

भोले ने पूरी की मन्नत, कांवड़ लेकर निकला परिवार
दिल्ली का परिवार हरिद्वार से कांवड़ लेकर पहुंचा। परिवार का कहना है कि उनकी मन्नत पूरी हो गई, इसी वजह से शिव की यात्रा पर निकले हैं। परिवार में सुख शांति और समृद्धि की कामना पूरी हुई।
कांवड़ लेकर पहुंचे दिल्ली के शकूरपुर निवासी मनजीत सिंह ने बताया कि भोले बाबा से अपने परिवार के लिए कुछ मन्नत मांगी थी। भोले बाबा की कृपा से मेरी मन्नत पूरी हो गई। मन में इच्छा हुई कि भोले बाबा की कांवड़ लानी है। पत्नी काजल, पुत्री जाह्नवी और पुत्र युग के साथ कांवड़ लाने की तैयारी शुरू कर दी।
जानकारी लगने पर मेरी साली गुनगुन व भाई अवशेष भी मेरे साथ आ गए। मंगलवार सवेरे हरकी पैड़ी से गंगा जल भरकर कांवड़ उठाई थी। डेढ़ दिन में 55 किमी का सफर तय कर पुरकाजी पहुंचे हैं। शकूरपुर में ही भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।