राजेंद्र नगर हादसे की इनसाइड स्टोरी: 11 घंटे चला रेस्क्यू…

ओल्ड राजेंद्र नगर के राव आईएएस स्टडी सेंटर में शनिवार हुए हादसे के बाद करीब 11 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला। सुबह छह बजे तक पंप से बेसमेंट में भरे पानी को निकाला गया। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके लिए राजेंद्र नगर का हादसा काफी चुनौतियों से भरा था। अमूमन उनके जवान आग बुझाने में माहिर होते हैं।

इससे विपरीत राजेंद्र नगर में हालात अलग थे। यहां बेसमेंट की छत से पानी मिला हुआ था। सड़क और स्टडी सेंटर की पार्किंग में पानी एक लेवल में था। चूंकि बाहर सड़क का ड्रेनेज सिस्टम लगभग ठप था, ऐसे में सड़क के साथ-साथ स्टडी सेंटर की पार्किंग से भी पानी नहीं निकल पा रहा था। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लाए पंप को स्टडी सेंटर के दोनों जीनों पर लगाया गया।

जितना पानी निकाला जा रहा था। उतना ही पानी वापस आ जा रहा था। रात 10 बजे के बाद बाहर सड़क का पानी डाउन होना शुरू हुआ तो पंप से पानी को बाहर फेंकना शुरू किया गया। दमकल विभाग के चार बड़े पंप को स्टडी सेंटर के दोनों जीनों पर लगाया गया। इसके बाद धीरे-धीरे पानी निकलना शुरू हुआ।दूसरी ओर बेसमेंट में भरा पानी काला और गंदा था। ऐसे में एनडीआरएफ के डाइवर्स को गोता लगाने में खासी दिक्कत हो रही थी। अंदर अंधेरा था। इसके अलावा लाइब्रेरी में रखी किताबें और लकड़ी का फर्नीचर पानी में तैर रहा था। बचाव कार्य के दौरान किताबों को बाहर निकाला गया। इसके अलावा जवानों की मदद से पानी में तैर रहे फर्नीचर को भी हटाया गया।शुरुआत में पंप को बाहर लगाया गया था। पानी कम हुआ तो पंप को स्टडी सेंटर के दोनों जीनों के पास लगाया गया। चूंकि पंप पेट्रोल से चल रहे थे, इसलिए इनसे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड की वजह से अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हो रही थी। धीरे-धीरे सुबह छह बजे तक बेसमेंट से पानी निकालकर पूरी तलाशी ली गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here