ताजनगरी आगरा के आवास विकास कॉलोनी, बोदला निवासी राकेश कुमार वर्मा एडवोकेट ने खुद को पूर्व वन मंत्री रघुवर दयाल वर्मा का वारिस बताया। उन्होंने पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा एवं उनके परिजन पर करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए फर्जी वसीयत बनाने की भी बात कही।
उन्होंने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि विपक्षी लगातार धमका रहे हैं। उन्होंने यह आरोप सपा शिकोहाबाद से विधायक डॉ. मुकेश वर्मा, सपा जिला महासचिव मीना राजपूत की मौजूदगी में वार्ता के दौरान लगाए।
उन्होंने कहा वह पूर्व वनमंत्री रघुवर दयाल वर्मा की बहन के पौत्र है। पूर्व वन मंत्री का निधन 17 जून 2011 को हो गया था। उनकी पैतृक जमीन नगला पैमा मौजा धांधूपुरा आगरा में 28 बीघा पक्की थी। उन्होंने कहा कि बाबा की मौत होने के बाद पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा, उनके चाचा आदि ने फर्जी वसीयत तैयार कराके जमीन हड़पने का प्रयास किया।
वसीयत में बाबा के साथ सब रजिस्टार के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने कहा कि इसमें मेरे पुत्र राजेश कुमार वर्मा की तहरीर पर पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा, निहाल सिंह, विशंभर सिंह, शिवराम सिंह, विजेंद्र सिंह, तुरफान सिंह एवं तत्कालीन उप निबंधक एवं कर्मचारी आगरा के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
27 जुलाई को अभियोग दर्ज कराने के बाद पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि विपक्षी लगातार उन्हें धमका रहे हैं। इससे उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा ने कहा कि पूर्व वन मंत्री रघुवर दयाल वर्मा मेरे बाबा थे।
मेरे जो विरोधी एवं कुछ भूमाफिया, जिनका जनता के बीच अस्तित्व खत्म हो गया। वह मेरी छवि खराब करने के उद्देश्य से ऐसी साजिश रच रहे हैं। वसीयत मेरे पिता, चाचा के नाम रजिस्टर्ड हैं। वार्ता में जो मेरे विरोधी मौजूद थे, वह अपने गिरेबां में झांकें। इनकी साजिशें कभी सफल नहीं होंगी।