रेगिस्तान में मूसलाधार, पाली में 8 इंच बरसा पानी, औसत से 32 फीसदी ज्यादा बारिश

मानसून की तेज बारिश का दौर अगले दो दिनों में कुछ थम सकता है। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में आए लो-प्रेशर सिस्टम का असर आज से खत्म हो जाएगा। इसके चलते 7 अगस्त के बाद मानूसन कुछ मंद पड़ सकता है। 

मौसम विभाग ने आज चार जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, वहीं आठ जिलों में येलो अलर्ट है। प्रदेश में औसत से कहीं अधिक वर्षा हो चुकी है। 1 जून से 5 अगस्त तक राज्य में कुल 319.7 एमएम बारिश हो चुकी है, जबकि इस समय तक औसत बारिश 242.9 एमएम होती है।

पिछले 24 घंटे के दौरान पाली में सबसे ज्यादा 249 एमएम बारिश हुई, जिसके चलते यहां सड़कें दरिया बन गईं।  रोहट में 127, मारवाड़ जंक्शन में 142, बाड़मेर के समदड़ी में 190, जोधपुर के बालेसर में 64, लूणी में 58, देचूं में 88, लोहावट में 61 एमएम, अजमेर के नसीराबाद में 156, पीसांगन में 114, जालौर में 98, जालौर के आहोर में 85 एमएम बरसात दर्ज हुई। प्रदेश में औसत से अब तक 32 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है।

7 अगस्त से होगा मौसम शुष्क

मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि झारखंड में जो सिस्टम (डीप डिप्रेशन) बना था। वह मध्यप्रदेश से होता हुआ राजस्थान में आ गया और अब पश्चिमी राजस्थान के एरिया के ऊपर एक्टिव है। इस सिस्टम के असर से पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर के एरिया में भारी बारिश हुई। सिस्टम के आगे निकलने के साथ ही आज शाम से पश्चिमी राजस्थान में बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी और 7 अगस्त से यहां मौसम शुष्क होने लगेगा।

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