बांग्लादेश में हिंसा और राजनीतिक संकट के बीच अंतरिम सरकार का गठन हुआ। इसके कार्यवाहक के तौर पर मोहम्मद यूनुस ने शपथ ग्रहण किया। इस दौरान ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा भी मौजूद रहे। वहीं, यहां के लोगों ने नई अंतरिम सरकार का स्वागत किया। साथ ही उम्मीद जताई कि यह सरकार व्यवस्था बहाल करेगी, दमन को समाप्त करेगी और सत्ता के लोकतांत्रिक हस्तांतरण के लिए निष्पक्ष चुनाव कराएगी।
शेख हसीना के इस्तीफे से बदली बांग्लादेश की राजनीति
84 साल के यूनुस ने गुरुवार को मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। बांग्लादेश में यह घटनाक्रम, शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हुआ है। दरअसल, बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पांच अगस्त को हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण बांग्लादेश अस्थिर राजनीतिक स्थिति का सामना कर रहा है। सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे छात्रों की तरफ से किए गए विरोध प्रदर्शनों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों का रूप ले लिया।
यह लोग बने सलाहकार परिषद के सदस्य
सलाहकार परिषद के सदस्यों में महिला अधिकार कार्यकर्ता फरीदा अख्तर, दक्षिणपंथी पार्टी हिफाजत-ए-इस्लाम के उप प्रमुख एएफएम खालिद हुसैन, ग्रामीण दूरसंचार ट्रस्टी नूरजहां बेगम, स्वतंत्रता सेनानी शर्मीन मुर्शिद, चटगांव हिल ट्रैक्ट्स डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष सुप्रदीप चकमा, प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय और पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन शामिल हैं।
निष्पक्ष और स्वीकार्य चुनाव कराना मुख्य जिम्मेदारी: सेराजुल इस्लाम चौधरी
ढाका विश्वविद्यालय के एमेरिटस प्रोफेसर सेराजुल इस्लाम चौधरी ने कहा कि अंतरिम सरकार के कर्तव्यों में से एक व्यवस्था को बहाल करना होगा, जो हसीना के पतन के बाद पिछले कुछ दिनों से बाधित है। इसके अलावा, सरकार की नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना दूसरा सबसे बड़ा काम होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को हर तरह के दमन और देशभर में भय की स्थिति को खत्म करना होगा। चौधरी ने जोर देकर कहा कि हालांकि सरकार की मुख्य जिम्मेदारी निष्पक्ष और स्वीकार्य चुनाव कराना होगा ताकि सत्ता का लोकतांत्रिक हस्तांतरण हो सके।
बदलाव आ गया: हुसैन
प्रख्यात न्यायविद कमाल हुसैन ने कहा, ‘जो बदलाव हुआ है, उसका सभी ने स्वागत किया है। इस कार्यक्रम में भीड़ उमड़ी है। हर किसी को लगता है कि बदलाव आ गया है। हमें उम्मीद है कि वे (सलाहकार परिषद के सदस्य) संकटों को दूर करने में सक्षम होंगे। लोग सार्थक बदलाव की उम्मीद करेंगे।’
बैरिस्टर सारा हुसैन ने कहा, ‘इस सरकार से मेरी मुख्य उम्मीद यह है कि वह बांग्लादेश में संस्थानों में पर्याप्त सुधार करेगी और सच्चाई का रास्ता साफ करेगी।’
देश को सुधारने के लिए बहुत काम किया जाना है: समीना लुथफा
ढाका विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर समीना लुथफा ने कहा, ‘मैं अंतरिम सरकार का स्वागत करती हूं, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उनमें से कई गैर-सरकारी संगठनों से हैं और उन्हें जानकार लोगों की आवश्यकता है। हालांकि, देश को सुधारने के लिए बहुत काम किया जाना है, क्या उनके पास इसके लिए पर्याप्त ज्ञान है, यह एक सवाल बना हुआ है। मुझे लगता है कि सरकार में छात्रों (भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं) को शामिल करने से उम्मीद जगी है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या अल्पसंख्यकों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी है, उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह अधिक हो सकता है। धार्मिक अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि से कई अन्य महिलाएं और अभिनेता कुशल हैं और आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें भी शामिल किया जा सकता था। समाज के इन वर्गों के अधिक लोग ‘भेदभाव-मुक्त’ देश की संभावना सुनिश्चित कर सकते थे।’
भारतीय उच्चायुक्त यूनुस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए
ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में मोहम्मद यूनुस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। नोबेल पुरस्कार विजेता 84 वर्षीय यूनुस को बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने गुरुवार शाम को ढाका में राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई। विदेश मंत्रालय (एमईए) के बाहरी प्रचार प्रभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय उच्चायुक्त बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
बंगाल सीएम ममता ने मोहम्मद यूनुस को बधाई दी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का कार्यभार संभालने पर बधाई दी। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने उम्मीद जताई कि पड़ोसी देश में जारी संकट समाप्त होगा और जल्द ही शांति बहाल होगी।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश में अपने कर्तव्यों को पूरा करने वालों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। उम्मीद है कि उनके साथ हमारे संबंध और सुधरेंगे। मैं बांग्लादेश के विकास, शांति, प्रगति और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की बेहतरी की कामना करती हूं। छात्रों, युवाओं, श्रमिकों, किसानों और महिलाओं से सभी को मेरी शुभकामनाएं।’
उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि संकट जल्द समाप्त होगा और शांति लौटेगी। शांति को दुनिया में वापस आने दें। अगर हमारा पड़ोसी देश अच्छा करता है, तो हम भी अच्छा करेंगे।’
29 पुलिस स्टेशनों में कामकाज शुरू
बांग्लादेश में फैली हिंसा के चलते प्रभावित पुलिस स्टेशन सेना के सहयोग से फिर खोल दिए गए। बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के हुई हिंसा और तनाव के चलते चार दिन बाद 29 पुलिस स्टेशनों में सेना के सहयोग से कामकाज फिर से शुरू कर दिया गया। पूर्व बंगाल रेजीमेंट के कंपनी कमांडर शखावत खांडकर ने बताया कि हिंसा के बीच उपद्रवियों ने पुलिस और लोगों को बुरी तरह से मारा। हमने तय किया कि पुलिस सदस्यों को बचाना जरूरी था, क्योंकि वे लोगों की मदद करते। उन्होंने कहा कि कई हथियार तेजगांव पुलिस स्टेशन में हैं। अगर यह अपराधियों के हाथ में पड़ गए, तो देश गंभीर खतरे में पड़ जाएगा। हमने स्टेशन की सुरक्षा मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाए।
तेजगांव के डिप्टी पुलिस कमिश्नर अजीमुल हक ने कहा कि हम सेना के उन सदस्यों के आभारी हैं जो हमारे पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए आगे आए और लोगों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमने सेना की मदद से सभी पुलिस गतिविधियां शुरू कर दी हैं। सभी नागरिकों से पुलिस स्टेशन आने का अनुरोध करता हूं। तेजगांव डिवीजन के छह पुलिस स्टेशनों में से तीन पुलिस स्टेशन पूरी तरह से चालू हो गए हैं। प्रभावित पुलिस स्टेशन में छोटे पैमाने पर काम चल रहा है। इस बीच कई पुलिसकर्मी पुलिस स्टेशनों में काम पर जुट गए हैं। वहीं नवनियुक्त पुलिस महानिरीक्षक एमडी मैनुल इस्लाम ने अधिकारियों को अगले 24 घंटों के भीतर अपनी-अपनी इकाइयों में शामिल होने का आदेश दिया।
भारत की सीमा पर पहुंच रहे लोग
बांग्लादेश में हिंसा और राजनीतिक संकट के बीच पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में लोग भारत-बांग्लादेश की सीमा पर पहुंचने लगे हैं। इन लोगों को बीएसएफ ने जीरो प्वाइंट पर रोक लिया है। बांग्लादेश सीमा से जुड़े पश्चिम बंगाल के कूच बिहार के सीतलकुची में पथनटुली के पास बड़ी संख्या में बांग्लादेश की ओर से आए लोग जमा हैं। पथनटुली के स्थानीय निवासी इकरामुल हक ने बताया कि सीमा पर सुबह से लोग मौजूद हैं। इन्हें बीएसएफ ने रोका हुआ है। लोगों का भारत की ओर आना संभव नहीं है।
बांग्लादेश के हालात पर आरएसएस ने जताई चिंता
बांग्लादेश के हालात को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चिंता जताई है। आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि संघ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है। पिछले कुछ दिनों से वहां सत्ता परिवर्तन के लिए चल रहे आंदोलन के दौरान बौद्धों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की हत्या, लूट हो रही है। महिलाओं के साथ अपराध और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। धार्मिक स्थलों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आरएसएस इसकी निंदा करता है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से उम्मीद है कि वे ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाएं और जान-माल की सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम करें। उन्होंने वैश्विक समुदाय और भारत के राजनीतिक दलों से उत्पीड़न के शिकार हिंदुओं, बौद्धों और अन्य समुदायों के लिए एकजुट होने की अपील की है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि हमने भारत सरकार से भी अपील की है कि बांग्लादेश से पड़ोसी देश के रूप में उचित भूमिका निभाने, वहां मौजूद हिंदुओं, बौद्धों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए प्रयास किए जाएं।