मणिपुर में हिंसा जारी, मुठभेड़ में 4 मरे, ब्लास्ट में पूर्व एमएलए की पत्नी की गई जान

मणिपुर में रविवार की फिर से हिंसा की घटना घटी है. दो घटनाओं में कुल पांच लोगों की जान चली गयी. पहली मुठभेड़ और दूसरी विस्फोट की घटना घटी है. मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले में यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादियों एवं ग्रामीणों के बीच आपस में झड़प की घटना घटी. इस दौरान दोनों पक्षों की बीच जमकर गोलीबारी हुई, जिसमें चार लोग मारे गए. मृतकों में एक यूकेएलएफ उग्रवादी एवं तीन ग्रामीण स्वयंसेवक बताये जा रहे हैं. सभी मृतक एक ही समुदाय के हैं.

घटना के बाद कुकी समुदाय के सदस्यों ने अपने समुदाय के सदस्यों की मौत से नाराज होकर विरोध प्रदर्शन किया. कुकी समुदाय के समर्थकों ने यूकेएलएफ अध्यक्ष एसएस हाओकिप के घर में आग लगा दी. इससे इलाके में और भी तनाव पैदा हो गया. पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, हालांकि पुलिस ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है.

ब्लास्ट में पूर्व MLA की पत्नी की मौत

रविवार को पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, सैकुल के पूर्व विधायक यमथोंग हाओकिप की पत्नी चारुबाला हाओकिप की मणिपुर के कांगपोकपी जिले में उनके आवास पर हुए बम विस्फोट में मौत हो गई. मैतेई समुदाय की सदस्य चारुबाला हाओकिप (59) कुकी-जोमी बहुल कांगपोकपी जिले के एकौ मुलम में रहती थीं.

उनके पति, यमथोंग हाओकिप साल 2012 और साल 2017 में कांग्रेस पार्टी से सैकुल सीट से चुने गए थे और बाद में साल 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए. कांगपोकपी जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना शनिवार दोपहर 3 बजे के आसपास हुई, लेकिन इसकी सूचना अगले रविवार सुबह को दी गई.

IED ब्लास्ट से हुई मौत

उन्होंने खुलासा किया कि घर के कचरे में IED छिपा कर रखा हुआ था. उन्होंने कहा कि विस्फोट तब हुआ जब कचरे में डिवाइस को जलाया जा रहा था. रविवार सुबह तक इस घटना के सिलसिले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. अधिकारी ने बताया कि विस्फोट पारिवारिक विवाद के कारण हुआ हो सकता है.

उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि यह विवाद पूर्व विधायक द्वारा अपने चाचा के पोते की संपत्ति के बगल में ज़मीन खरीदने से उत्पन्न हुआ था. यह घटना उस विवाद से जुड़ी हो सकती है और हम फिलहाल इसकी जांच कर रहे हैं. इन घटनाओं ने मणिपुर में चल रहे संघर्ष को और बढ़ा दिया है, जो इंफाल घाटी के मैतेई समुदाय और पहाड़ी क्षेत्रों के कुकी समुदाय के बीच लगातार हो रही है.

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