डॉक्टरों की हड़ताल से हाहाकार: मरीज हुए परेशान, फैकेल्टी से संभाला मोर्चा

कोलकाता के आरजी. कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हुई डॉक्टर की हत्या के विरोध में डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। सोमवार को आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर रेजिडेंट डॉक्टरों ने अन्य किसी भी जगह पर अपने सेवाएं नहीं दीं। ऐसे में मरीजों को पर्ची बनाने के बाद भी भटकना पड़ा। हालांकि मरीजों की समस्या को देखते हुए वरिष्ठ संकाय ने मोर्चा संभाला। लेकिन इनकी संख्या कम रहने के कारण मरीजों को अपनी बारी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।

डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल के पहले दिन एम्स, डॉ. राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, जीटीबी, लोकनायक, डीडीयू सहित दूसरे अस्पतालों में 30 से 50 फीसदी तक ओपीडी प्रभावित रही। वहीं इन्हीं अस्पतालों में पहले से प्रस्तावित कई सर्जरी को टालना तक पड़ा, जबकि नई सर्जरी के लिए तारीख भी नहीं दी गई।

मरीजों की माने तो ओपीडी ब्लॉक में से रेजिडेंट डॉक्टरों के जाने के बाद मरीज इधर-उधर भटकते रहे। कई मरीज काफी देर तक बैठे रहने के बाद वापस लौट गए। वहीं अन्य मरीजों ने बताया कि प्रयोगशाला में डॉक्टर न होने के कारण एक्सरे व दूसरी जांच भी नहीं हो पाईं। जांच के लिए अगले दिन आने की बात कही गई है, लेकिन कोई तारीख नहीं दी गई।

बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों में रोजाना 60 हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में मरीज दूसरे राज्यों से होते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों में हड़ताल और उग्र हो सकती है। इससे मरीजों की समस्या बढ़ेगी।

डॉक्टरों ने निकाला मार्च, किया विरोध प्रदर्शन
हत्या के आरोपी को सख्त सजा देने के साथ कार्य क्षेत्र में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर डॉक्टरों ने विरोध में मार्च निकाला। कई जगहों पर बैठकर प्रदर्शन किया, जबकि अस्पतालों में नारेबाजी तक की। सोमवार सुबह हड़ताल में शामिल हुए एम्स के डॉक्टरों ने एम्स परिसर व आसपास के क्षेत्र में विशाल रैली निकाल कर विरोध जताया।

साथ ही निदेशक ऑफिस के पास प्रदर्शन किया। वहीं डॉ. राम मनोहर लोहिया के डॉक्टरों ने पीजीआई में विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा दूसरे सफदरजंग सहित दूसरे अस्पतालों में भी डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया।वहीं फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के सदस्यों ने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान सभी बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), ऑपरेशन थिएटर (ओटी) और वार्ड ड्यूटी बंद रहे।

हालांकि आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं होने दी। एम्स आरडीए के महासचिव डॉ. रघुनंदन दीक्षित ने कहा ने कहा कि इस मामले में दोषी को जल्द सजा मिलनी चाहिए। साथ ही पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिलना चाहिए। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, मानव व्यवहार संस्थान, अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान और संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएचबीएएस), डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय टीबी और श्वसन रोग संस्थान के डॉक्टरों ने सेवाएं नहीं दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
आरोपी को सख्त सजा देने के साथ उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पश्चिमी बंगाल के स्वास्थ्य मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य को पत्र लिखा है। फोर्डा के महासचिव डॉ. सर्वेश पांडे ने कहा कि डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव के समक्ष अपनी मांगें रखीं। इसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तत्काल हटाना, सीबीआई जांच, फास्ट-ट्रैक कोर्ट (ट्रायल) और केंद्रीय संरक्षण अधिनियम को लागू करने के लिए एक समिति का गठन करने की मांग है।

स्वास्थ्य सचिव से की मुलाकात
डॉक्टरों ने बताया कि उनके एक प्रतिनिधि ने स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा से भी मुलाकात की। यहां उन्होंने इस पूरे घटना की जांच सीबीआई से करवाने की मांग रखी।

मरीजों ने बयां किया दर्द

फिर कभी आना: सूर्यकांत
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एम्स में इलाज करवाने आए सूर्यकांत ने बताया कि पैर में दिक्कत के कारण सुबह अस्पताल आए थे। यहां पर्ची भी बन गई। काफी देर तक ओपीडी के बाहर इलाज के लिए परिवार के साथ इंतजार करता रहा, लेकिन नंबर आने से पहले ही डॉक्टर उठकर चले गए। जब पूछा इलाज कब होता तो बताया गया कि हड़ताल हो गई है, कुछ नहीं बता सकते।

भला हो बड़े डॉक्टर का: मरीज के पिता
नोएडा से एम्स में बेटी सानवी का इलाज करवाने आए उनके पिता ने बताया कि बेटी को ट्यूमर की शिकायत है। इलाज करवाने के लिए एम्स में आए थे। यहां डॉक्टर ही उठकर चले गए। काफी देर तक इंजजार करने के बाद बड़े डॉक्टर (संकाय) आए और उन्होंने बच्ची का इलाज किया। उन्होंने कहा कि यदि संकाय न आते तो दिक्कत होती।

नहीं मिला इलाज: मोहम्मद अरशद
नजफगढ़ से एम्स में बेटी को दिखाने आए मोहम्मद अरशद ने कहा कि हड़ताल के कारण बच्ची आरफ़ा कौशल का इलाज नहीं हो पाया। बच्ची को न्यूरो संबंधित दिक्कत है। सोमवार की तारीख मिली थी, लेकिन हड़ताल के कारण वापस लौटना पड़ रहा है।

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