मुजफ्फरनगर: ‘कविता भावनाओं और संवेदनाओं को अभिव्यक करने की विधा है। यह कठिन व दुष्कर कार्य हर किसी के लिए संभव नहीं। देश में सहस्रों कवि हुए किन्तु दो-चार नामों को ही प्रसिद्धि मिली, फिर भी लोकरंजन के लिए संवेदनशील सज्जन
काव्य सृजन करते हैं।’
ये विचार संस्कृत के प्रकांड विद्वान एवं साहित्यकार श्री उमाकांत शुक्ल ने श्रीराम इंजीनियरिंग कॉलेज के सभाकक्ष में डॉ. कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल की सद्यप्रकाशित तीन पुस्तकों के विमोचन के अवसर पर व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री शुक्ल ने कहा- यह विमोचन समारोह नहीं, अपितु काव्य समारोह है। श्री शुक्ल ने डॉ. कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल के व्यक्तित्व, व्यावहार एवं लेखन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि डॉक्टर साहब की कविताएं, पुस्तक न केवल हमारे जनपद में बल्कि कई अन्य जनपदों, प्रदेशों एवं विदेशों में भी अत्यंत लोकप्रिय हैं। भारत के अतिरिक्त अन्य कई देशों में सम्मानित डॉक्टर साहब ने अपनी एक अलग विशिष्ट पहचान कायम की है। यह हमारे लिए अभिमान एवं सम्मान की बात है। उन्होंने संस्कृत का श्लोक प्रस्तुत कर कविता के कारकों का वर्णन किया और डॉ. कीर्तिवर्द्धन को बधाई दी।
ज्ञातव्य है कि 10 अगस्त, शनिवार को वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल की तीन पुस्तकों “मेरे आराध्य राम, मेरी लोकप्रिय कविताएं, एवं सतरंगी कविताएं” का लोकार्पण संपन्न हुआ। कार्यक्रम में डॉक्टर एसएन चौहान (जिला अध्यक्ष संस्कार भारती मुजफ्फरनगर इकाई), महेंद्र आचार्य (प्रांतीय उपाध्यक्ष, मेरठ प्रांत, संस्कार भारती), वरिष्ठ समाजसेवी डॉक्टर सुभाष शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार राकेश कौशिक, वरिष्ठ हिंदी प्रवक्ता डॉक्टर रश्मि विनायक एवं कवियत्री प्रतिभा त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण से किया गया। कार्यक्रम के आरम्भ में कवित्री पूजा गोयल ने माँ सरस्वती की मधुर कंठ से वंदना की। सभागार में उपस्थित अतिथियों, कवियों एवं साहित्यकारों ने डॉक्टर कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल को शॉल ओढ़ा कर, पटका पहनाकर एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर अपनी शुभकामनाएँ एवं बधाइयाँ प्रेषित कीं । कवित्री प्रतिभा त्रिपाठी ने डॉक्टर कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल की पुस्तक मेरी लोकप्रिय कविताएँ की समीक्षा की। डॉ रश्मि विनायक ने सतरंगी कविताएँ के क्लेवर फ़्लेवर पर विस्तृत सारगर्भित विश्लेषण किया तथा श्री राकेश कौशिक ने ‘मेरे आराध्य राम’ की समीक्षा करते हुए पुस्तक में वर्णित रामायण के विभिन्न पात्रों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ‘मेरे आराध्य राम’ पुस्तक घर-घर में पहुँचनी चाहिए। वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार पं. रामकुमार रागी ने डॉ. कीर्तिवर्द्धन की लेखन शैली, भाषा शैली एवं व्याकरण एवं उनके भाव प्रभाव को व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि डॉक्टर कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल की कविताओं में भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं राष्ट्रवाद एवं परिवारवाद पर किस प्रकार जोर दिया गया है।
श्रीमती लक्ष्मी डबराल, सुमन प्रभा एवं सुमन युगल ने डॉक्टर साहब की पुस्तकों से गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में बुलंदशहर से अरविंद भाटी, श्रीमती संगीता अहलावत, मेरठ से संस्कार भारती मेरठ इकाई के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा, इलाहाबाद बैंक मेरठ शाखा से सेवानिवृत शाखा प्रबंधक राकेश बंसल, विनीत गोयल, सुचित्रा सैनी, डॉक्टर सीमा सिंह, श्रीमती कमलेश शर्मा, अनुज फतेह , कांति राठी, प्रख्यात कवि प्रकाश सूना, यशपाल सिंह विश्वबंधु, ‘देहात’ संपादक गोविंद वर्मा, सुनीता सोलंकी, प्रवीण सैनी, अंबरीश गर्ग, वीणा गर्ग, श्रीमती संध्या मलिक, साहित्यकार मनु स्वामी, योगेन्द्र सोम, अनुज माहेश्वरी, सुनील दत्त शर्मा, अतुल गुप्ता, विपुल शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉक्टर कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल की पत्नी श्रीमती रजनी अग्रवाल, भतीजे अभिषेक अग्रवाल एवं बहू श्रीमती साक्षी अग्रवाल भी उपस्थित रहीं। डॉ अग्रवाल के पोते विद्यांश ने डॉक्टर साहब को माला पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन पंकज शर्मा ने काव्यमय मधुर शैली में कुशलता से किया। अंत में डॉक्टर कीर्तिवर्द्धन अग्रवाल ने सभी अतिथियों व पत्रकारों का आभार व्यक्त किया।
3 घंटे तक प्रफ्फुल्लित वातावरण में संपन्न कार्यक्रम के प्रतिभागियों को अंगवस्त्र, पटका, मालायें , स्मृतिचिन्ह व प्रभु राम के चित्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।