‘असम का भविष्य सुरक्षित नहीं’, स्वतंत्रता दिवस पर सीएम सरमा ने मूल निवासियों के लिए जताई चिंता

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य का भविष्य असुरक्षित है क्योंकि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जनसंख्या संतुलन तेजी से समाप्त हो रहा है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के बाद कहा कि असम में जनसांख्यिकी परिवर्तन के कारण मूल निवासी रक्षात्मक मुद्रा में आ गए हैं, क्योंकि वे 12-13 जिलों में अल्पसंख्यक में आ गए हैं। 

सीएम सरमा ने कहा, “असम का भविष्य हमारे लिए सुरक्षित नहीं है। हिंदू-मुस्लिम जनसंख्या का संतुलन तेजी से समाप्त हो रहा है। मुस्लिम आबादी 2021 में बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई, जबकि हिंदू घटकर 57 प्रतिशत रह गए। बाकी ईसाई और अन्य समुदाय हैं।” उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में कहा कि हिंदू आबादी 60-65 प्रतिशत से घटकर धीरे-धीरे 50 प्रतिशत पर आ रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा, “संकट के ऐसे दौर में मैं जनसंख्या संतुलन वापस लाने की कोशिश कर रहा हूं। मैं सभी हिंदुओं, मुसलमानों और अन्य लोगों से परिवार नियोजन संबंधी नियमों का पालन करने का अनुरोध करता हूं। हमें समाज के हर वर्ग द्वारा बहुविवाह को लेकर जागरूक होना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “हम 12-13 जिलों में अल्पसंख्यक बन गए हैं। अगर मजबूत राज्य सरकार नहीं होगी तो मूल निवासियों को हर कदम पर खतरा महसूस होगा।”

सीएम सरमा ने कहा कि वह सूरज की रोशनी नहीं है, लेकिन मूल निवासियों के हितों की रक्षा के लिए अपनी आखिरी सांस तक उम्मीद की मोमबत्ती की तरह वह खड़े रहेंगे। 

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