नवाब सिंह यादव पर चलेगा दुष्कर्म का मुकदमा, बचाव पक्ष ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल

कन्नौज जिले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव पर दुष्कर्म का मुकदमा चलेगा। विवेचक की अर्जी पर हुई बहस के बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए धाराएं न बढ़ाए जाने की मांग की थी, लेकिन पुलिस द्वारा पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कहने पर कोर्ट ने दुष्कर्म का मुकदमा चलाए जाने की अनुमति दे दी है।

अब इस मामले में 21 अगस्त को अगली सुनवाई होगी। किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी नवाब सिंह यादव के खिलाफ पुलिस ने पहले छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद में जब पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिए कि उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया है, तो पुलिस ने एफआईआर में दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट की धाराओं में संशोधन कर इसे बढ़ा दिया था।

आरोपी के जेल में होने के कारण बढ़ाई गई धाराओं पर कोर्ट की अनुमति लेना आवश्यक होता है। इसी वजह से शनिवार को विवेचक जय प्रकाश शर्मा ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर दुष्कर्म तथा पॉक्सो एक्ट की संशोधित धाराओं में मुकदमा चलाने का निवेदन किया। इसको लेकर अभियोजन पक्ष तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिव कुमार की करीब डेढ़ घंटे तक बहस हुई।धारा परिवर्तन के लिए दे दी है अनुमति
बचाव पक्ष की दलील थी कि पुलिस पीड़िता को बरगला रही है। वहीं, अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के पास साक्ष्य हैं, जिसके आधार पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की संशोधित धाराओं को बढ़ाया जाना आवश्यक है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने धारा परिवर्तन के लिए अनुमति दे दी है। अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता नवीन कुमार दुबे ने बताया कि अब आरोपी नवाब सिंह यादव पर दुष्कर्म का मुकदमा चलेगा।

बढ़ाईं गईं यह धाराएं
1. भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (1) – दुष्कर्म
2. 3/4 पॉक्सो एक्ट – नाबालिग के साथ दुष्कर्म
3. 16/17 पॉक्सो एक्ट – नाबालिग के साथ आपराधिक षड़यंत्र
4. भारतीय न्याय संहिता की धारा 238 – साक्ष्य मिटाना

इन धाराओं का हुआ लोप
1. भारतीय न्याय संहिता की धारा 76 – छेड़खानी या दुष्कर्म का प्रयास।
2. 7/8 पॉक्सो एक्ट – नाबालिग के साथ छेड़छाड़।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उठाए सवाल

  • पुलिस ने 11 अगस्त की रात को पीड़िता को वन स्टॉप सेंटर क्यों नहीं भेजा। अगले दिन 12 अगस्त को शाम 7:30 बजे भेजा गया। इस अवधि में पीड़िता किसके साथ रही ?
  • 13 अगस्त को सुबह 8:30 बजे पुलिस पीड़िता को वन स्टॉप सेंटर से ले आई। इस दौरान किसी भी सक्षम अधिकारी से अनुमति क्यों नहीं ली गई ?
  • वन स्टॉप सेंटर से ले जाने के बाद पुलिस ने पीड़िता को बाल कल्याण समिति के समक्ष क्यों नहीं प्रस्तुत किया ? 13 अगस्त की शाम को उसे समिति के समक्ष प्रस्तुत क्यों किया गया ?
  • पुलिस ने वह वीडियो क्यों वायरल किया, जिसमें पीड़िता और उसकी बुआ दिखाई दे रहे हैं और यह वीडियो किसने शूट किया था ?

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