सपा प्रमुख अखिलेश यादव का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वे कुछ लड़कों से कहते सुनाई दे रहे हैं कि उन पुलिस वालों को अच्छी तरह पहचान लो जिन्होंने तुम्हें पकड़ा है। दरअसल 31 जुलाई, 2024 को लखनऊ में ताज होटल के पास बरसात का पानी एकत्र हो गया। कुछ हुड़दंगी वहां से गुजरने वाले स्कूटरों, बाइक सवारों पर वर्षा का पानी उछाल कर उन्हें परेशान कर रहे थे। इसी दौरान एक लड़की अपने परिचित के साथ मोटर साइकिल से गुजरने लगी तो हुड़दंगियों ने लड़की व बाइक सवार पर बरसाती पानी उछाला। लड़की पर फब्तियां कसीं और लड़की को धक्का देकर वर्षा के पानी में गिरा दिया।
शोहदों की ये बेहूदा हरकतें सीसीटीवी में कैद हो गईं। खुल वायरल हुईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर सख्त नोटिस लिया। छेड़खानी पर अंकुश लगाने में विफल पुलिस उपायुक्त पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी अमित कुमावत, एसीपी गोमतीनगर अंशु जैन को तुरन्त हटा दिया गया। इंस्पेक्टर गोमतीनगर दीपक कुमार पांडेय, चौकी प्रभारी सहित गोमतीनगर के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
इस घटना के पश्चात पुलिस उपायुक्त शशांक सिंह के अनुसार इस कांड में शामिल शोहदों की सीसीटीवी की पहचान के आधार पर गिरफ्तारियां की गईं। 25 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। एक शोहदा वायरल फोटो के आधार पर कानपुर में अपनी मौसी के घर से पकड़ा गया। पवन यादव नामक एक आरोपी व कुछ अन्य की गिरफ्तारी के 6 दिनों बाद जमानत हो गई।
स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त, 2024 को पवन यादव कुछ लड़कों के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले। अखिलेश ने इन सब के हाथों में हाथ डालकर फोटो खिंचवाया। अपनी पोस्ट पर लिखा कि कुछ लड़के मिले थे। इनको झूठा फसाया गया है। पुलिस वाले सरकार की खुशफहमी और अपनी बड़ाई के लिए ऐसा करते हैं। मैंने लड़कों से कहा है कि इन पुलिसवालों को भूलना मत, अच्छी तरह पहचान लों। अखिलेश मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जरूर ही उन्हें पुलिस की फितरत और पुलिसिया कार्य प्रणाली का ज्ञान रहा होगा। वैसे पवन यादव ने अखिलेश यादव से यह बताया कि वह बेगुनाह है, पुलिस ने उसे इस लिए पकड़ा कि उसकी बाइक की नम्बर प्लेट पर यादव लिखा था।
पुलिस उपायुक्त शशांक सिंह के अनुसार वीडियो में आये चेहरों और बाइक नंबरों की पहचान करने के बाद 5 पुलिस टीमों ने छापामारी कर आरोपियों को पकड़ा था। पुलिस या प्रशासनिक अधिकारियों को पहिचान कर उन्हें सबक सिखाने की सपा की एक ख़ास अदा है। 2019 के चुनाव में एक मुस्लिम नेता ने अखिलेश यादव की उपस्थिति में कहा था कि जब मुख्यमंत्री बन जाओगे तब यहां के (वाराणसी) अधिकारियों के 6 माह तक तबादले न करना। 6 महीने में हम इनका इलाज कर देंगे। तब यह वीडियो खूब वायरल हुआ था। यह तो सपा की नीति-रीति है।
गोविन्द वर्मा