नई दिल्ली। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का विरोध करते हुए उनकी याचिका खारिज करने का अनुरोध किया है। सीबीआई ने कहा है कि केजरीवाल केस को राजनैतिक रूप से सनसनीखेज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने की आपराधिक साजिश में शामिल थे।
सीबीआई ने कहा कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी में सारे निर्णय उनके निर्देश पर लिए गए थे। यह बात सीबीआई ने केजरीवाल की एक याचिका का विरोध करते हुए दाखिल ताजा हलफनामे में कही है। वहीं दूसरे मामले में जवाब दाखिल करने के लिए जांच एजेंसी ने शुक्रवार को कोर्ट से समय मांग लिया, जिसके चलते सुनवाई पांच सितंबर तक टाल गई।
फिलहाल जेल में ही रहना होगा
यानी केजरीवाल को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने केजरीवाल को तत्काल अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया था। अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं। एक में दिल्ली हाई कोर्ट के सीबीआई गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाले आदेश को चुनौती दी है, जबकि दूसरी में जमानत मांगी है। दोनों में कोर्ट ने सीबीआई को जवाब के लिए नोटिस जारी किया था।
केजरीवाल को मनी लांड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, अगर उन्हें सीबीआई के केस में भी जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को केजरीवाल की याचिकाएं न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगीं थीं।
सीबीआई ने मांगा समय
सीबीआई की ओर से पेश एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने एक मामले में जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन दूसरे मामले में अभी जवाब दाखिल करना है, इसके लिए कुछ और समय दे दिया जाए। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की मांग का विरोध करते हुए कहा कि इन्होंने एक मामले में हलफनामा दाखिल किया है, जिसकी प्रति उन्हें गुरुवार की शाम आठ बजे मिली और दूसरे में नहीं किया। अब समय मांग रहे हैं।