राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष पटेल ने राजस्थान हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) के पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोधपुर दौरे से एक दिन पहले आया है। प्रधानमंत्री जोधपुर हाईकोर्ट की प्लैटिनम जुबली कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 25 अगस्त को एक दिवसीय दौरे पर जोधपुर पहुंच रहे हैं।
मनीष पटेल की नियुक्ति पर विपक्ष ने पहले ही सवाल उठाए थे, जिसे विधानसभा में भी उठाया गया था। कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार से जवाब मांगा था, जिसके दौरान कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को सदन से 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था।
मनीष पटेल ने अधिवक्ताओं के एक वाट्सएप ग्रुप में अपने इस्तीफे की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा सौंप दिया है। इस फैसले के पीछे कानून मंत्री के बेटे के खिलाफ वकीलों के बीच बढ़ती नाराजगी और संभावित विरोध के संकेत माने जा रहे हैं। वकील समूहों में चल रही चर्चा के मुताबिक, कुछ नाराज एडवोकेट्स ने प्रधानमंत्री मोदी तक अपनी बात पहुंचाने की योजना बनाई थी।
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति का मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि नियुक्तियां पुरानी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत की गई थीं, जबकि नई संहिता लागू हो चुकी थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व मे संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा था कि मनीष पटेल की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई थी और विपक्ष के आरोप निराधार हैं।
सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि व्यक्ति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई होगी और मंत्री का बेटा होना कोई अपराध नहीं है।
हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले इस्तीफे की खबर ये संकेत देती है कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में कोई व्यवधान नहीं चाहती है।