मुज़फ्फरनगर में रेपिड रेल की डीपीआर फाइनल, जल्द शुरू होगा काम

मुजफ्फरनगर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने एक बार फिर से सपा के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद हरेन्द्र मलिक पर निशाना साधते हुए कहा कि वो जनता के बीच केवल झूठ की राजनीति करते हुए भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस आरआरटीएस प्रोजेक्ट के यूपी सरकार के प्रस्ताव न भेजने का दावा सपा सांसद ने किया है, वो प्रोजेक्ट स्वीकृत हो चुका है और डीपीआर प्रजेंटेशन होने के बाद अब केवल बजट जारी होकर काम शुरू होना ही बाकी रह गया है। इस अधूरे कार्य को जल्द शुरू कराने में यदि सपा सांसद को सहयोग चाहिए तो वो जनता की खातिर उनके साथ मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री की चिट्ठी में रैपिड रेल का जिक्र भ्रम के कारण हुआ है, जबकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर केन्द्र सरकार तक इस पर काम कर चुकी है और एमडीए ने सर्वे भी कराकर रिपोर्ट भेज दी है, मेरठ से मुजफ्फरनगर तक रैपिड रेल के लिए सात स्टेशन भी प्रस्तावित हो चुके हैं।

शहर के गांधीनगर स्थित भाजपा कार्यालय पर गुरूवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने दिल्ली से मेरठ तक चली आरआरटीएस को मुजफ्फरनगर तक स्वीकृत कराये जाने का अपना मजबूत दावा सुबूत के साथ पेश करते हुए कहा कि सपा सांसद द्वारा इसके लिए फैलाये जा रहे झूठ का पर्दाफाश करने के लिए तथ्यों और प्रमाणिक जानकारी जनता तक पहुंचाना जरूरी हो गया था। इसी कारण वो आज मीडिया के समक्ष सारे तथ्य लेकर आये हैं। उन्होंने रैपिड रेल के मुजफ्फरनगर तक विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं होने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सपा सांसद इसके लिए झूठ फैला रहे हैं, जो सपा का नेचर बन गया है। सच्चाई को छुपाया जा रहा है, जो गलत है।

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर जनपद में उनके दस साल के कार्यकाल में आजादी के बाद ऐतिहासिक विकास कार्य हुए हैं। चुनाव हुआ, जनता ने सपा को जिताया, हमने अपनी हार को स्वीकार कर लिया। लेकिन सपा सांसद आरोप

प्रत्यारोप की राजनीति के रास्ते पर चल रहे हैं, जबकि उनको जनता के लिए काम करना चाहिए। साल 2020 की शुरूआत में ही यूपी सरकार ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मेरठ से आगे मुजफ्फरनगर तक विस्तार कराने के लिए

अपनी नैतिक मंजूरी प्रदान कर दी थी। 13 जनवरी 2020 को संजीव बालियान इसी प्रस्ताव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले, उस दौरान उनके साथ मंत्री कपिल देव अग्रवाल, मंत्री विजय कश्यप, विधायक उमेश मलिक, विक्रम सैनी और प्रमोद उटवाल भी मौजूद रहे। उनके प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के आदेश पर उनके विशेश सचिव अमित सिंह ने 29 जनवरी को प्रमुख सचिव आवास को अग्रिम कार्यवाही के लिए

प्रेषित कर दिया था। 30 जुलाई को संजीव बालियान केन्द्रीय आवास एवं शहरी नियोजन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा। इसके बाद पूरी प्रक्रिया केन्द्र और राज्य सरकार के स्तर से शुरू कर दी गई थी।

इस मामले में मुजफ्फरनगर तक रैपिड रेल लाने के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट ;डीपीआरद्ध बनाने का काम शुरू हुआ और इसके लिए मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण द्वारा 09 जनवरी 2024 को आरआरटीएस द्वारा मांगे गये बजट के रूप में 22.42 लाख रुपये जारी कर दिये गये। केन्द्र सरकार के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने भी 10 प्रतिशत बजट जारी करते हुए इसके उपयोग के बाद अगली किस्त का पैसा जारी करने का सहमति पत्र भी दे दिया।

18 मई 2024 को आरआरटीएस ने मुजफ्फरनगर तक रैपिड रेल लाने के लिए अपनी डीपीआर का प्रजेंटेशन उनके सामने भी किया और आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश को डीपीआर भेज दी गई। इसमें मेरठ से मुजफ्फरनगर तक

48 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग एलिवेटिड रखने के साथ ही कुल सात स्टेशन दौराला, सकौती, खतौली, मंसूरपुर मेडिकल कॉलेज, आवास विकास मुजफ्फरनगर और मुजफ्फरनगर चुंगी तक बनाने कास प्रस्ताव शामिल किया गया है।

एनसीआरटीसी ने इस डीपीआर का प्रजेंटेशन प्रदेश सरकार के समक्ष कर दिया है, जो स्वीकृत हो चुका है। अब केवल इसमें केन्द्र और राज्य सरकार से कार्य प्रारम्भ करने के लिए बजट जारी करने की देरी है।

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