भारत ने पश्चिम एशिया में गंभीर होती स्थिति पर इस्राइल के साथ अपनी चिंता साझा की और ‘संयम, संवाद और कूटनीति’ पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि यहां आयोजित 17वें भारत-इस्राइल विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के दौरान, दोनों पक्षों ने इंडो-पैसिफिक में मौजूदा स्थिति पर भी विचार साझा किए।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने किया भारतीय पक्ष का नेतृत्व
भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने किया, जबकि इस्राइली पक्ष का नेतृत्व इस्राइली विदेश मंत्रालय के महानिदेशक याकोव ब्लिटशटेन ने किया। विदेश मंत्रालय ने कहा, इस्राइल पर 7 अक्टूबर को हुए आतंकी हमलों की भारत की कड़ी और स्पष्ट निंदा को दोहराते हुए विदेश सचिव ने सभी बंधकों की बिना शर्त और तत्काल रिहाई, युद्ध विराम, निरंतर मानवीय सहायता की आवश्यकता और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान किया।
भारत ने संयम, संवाद और कूटनीति पर दिया जोर
इसके साथ ही, उन्होंने पश्चिम एशिया में बढ़ती स्थिति पर भारत की चिंता को भी साझा किया और संयम, संवाद और कूटनीति पर जोर दिया। गाजा में नवीनतम संघर्ष 7 अक्टूबर को इस्राइल के खिलाफ हमास के हमलों के बाद शुरू हुआ। संघर्ष के दोनों पक्षों में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं।
दोनों देशों के रणनीतिक साझेदारी की मजबूती पर भी हुआ विचार
इस्राइल-हमास संघर्ष की शुरुआत के पांच महीने से अधिक समय बाद, मार्च के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रमजान के महीने के लिए गाजा में तत्काल युद्ध विराम की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। बयान में कहा गया है कि नई दिल्ली में विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान भारत और इस्राइल ने भारत-इस्राइल रणनीतिक साझेदारी की मजबूती पर भी विचार किया और दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय हितों के कई मुद्दों पर गहराई से चर्चा की और द्विपक्षीय प्रयासों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की। बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूदा स्थिति पर भी विचार साझा किए।