डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 120 करोड़ रुपये ठगी के मामले में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने ठगी के बड़े सूत्रधार को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने ही डोमेन खरीदकर एकेटीयू और यूनियन बैंक की फेक वेबसाइट बनाई थीं। वहीं ठगी की रकम ठिकाने लगाने में भी मुख्य भूमिका रही। शुक्रवार को आरोपी कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया।
इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि मामले में गुजरात के भरूच निवासी अजय सुरेश भाई पटेल को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से ठगी की रकम से खरीदी गई एससयूवी भी बरामद की गई। पुलिस ने दावा किया है कि अजय ठगी के गिरोह के अहम किरदारों में से एक है। वह ठगी के मास्टरमाइंड फरार आरोपी कपिल मुनि का करीबी है। उसने श्री श्रद्धा एजुकेशनल ट्रस्ट के ट्रस्टी से कपिल की मुलाकात कराई थी। तब तय हुआ था कि ठगी की बड़ी रकम ट्रस्ट के खाते मे भेजी जाएगी। तभी 120 करोड़ में से 100 करोड़ रुपये ट्रस्ट के खाते में भेजे गए थे। आरोपी अजय पेशे से ठेकेदार है।
इस तरह फर्जी वेबसाइटों का हुआ इस्तेमाल
इंस्पेक्टर ने बताया कि बैंक और विवि की फर्जी वेबसाइट का ब्योरा एक-दूसरे से साझा किया गया। एकेटीयू के अधिकारियों से जब आरोपी अनुराग बैंक मैनेजर बन मिला था तो जो विजिटिंग कार्ड दिया था, उसमें बैंक की फेक वेबसाइट दर्ज की गई थी। जिससे अगर कोई उस वेबसाइट पर जाता तो उसमें बैंक मैनेजर के तौर पर अनुराग की फोटो व उसका विवरण दर्ज मिलता। दूसरी तरफ विवि का फाइनेंस अफसर जब बैंक अफसरों से मुलाकात की थी तब उसको विवि की फेक वेबसाइट संबंधी जानकारी दी गई थी। उसमें भी उसी तरह का खेल किया गया था।
भांजे से कराया था ऑनलाइन पेमेंट
पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि आरोपी अजय बेहद शातिर है। वेबसाइट के लिए जो डोमेन खरीदे थे, उसका पेमेंट अपने भांजे के खाते से ऑनलाइन कराया था। यही वजह है कि पुलिस उसके भांजे तक पहले पहुंची। जब उससे पूछताछ हुई, तब अजय का नाम सामने आया। गिरफ्तारी होने के डर से वह दो महीने से घरवालों के संपर्क में नहीं था।
अब तक नौ गिरफ्तारियां
एकेटीयू की एफडी कराने के नाम पर 120 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। 18 जून को साइबर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले में अब तक नौ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। अजय के अलावा जो पहले गिरफ्तारियां हुईं उसमें गिरीश चंद्रा, शैलेश रघुवंशी, जोशी देवेंद्र प्रसाद, केके त्रिपाठी, दस्तगीर आलम, उदय पटेल, राजेश बाबू और अनुराग श्रीवास्तव शामिल हैं।