भेड़िए के बाद अब इस जिले में शुरू हुई तेंदुए की दहशत, वन विभाग ने शुरू की कांबिंग

तराई में पिछले चार दिनों से तेंदुआ की चहलकदमी से दहशत बनी हुई है। वन विभाग की टीम गांवों में कांबिंग कर रही है, लेकिनअब तक तेंदुआ रडार से बाहर है। मंगलवार को कहीं भी पगचिन्ह न मिलने से अब वन विभाग तेंदुआ के वापस जाने की आशंका जता रहा है। एहतियातन टीम पिंजरा लगा कर निगरानी कर रही है।

बता दें कि बीते शुक्रवार की दोपहर बनर्की के पुरैना गांव के ग्रामीण ने तेंदुआ दिखने की सूचना वन विभाग को दी थी। विभाग ने रामनगर और फतेहपुर की दो टीमें लगा कर कांबिंग शुरू करवाई थी। दूसरे दिन तेंदुआ चार किलोमीटर की दूरी रेती गांव पहुंच गया था। दोनों जगह ग्रामीण की सूचना के आधार पर टीम ने पिंजरा भी लगवाया, लेकिन इसी बीच में मंझौनी गांव में तेंदुआ को दिखाई देने की सूचना मिली।

वन विभाग ने जब कांबिंग की तो पगचिन्ह से तेंदुआ होने की पुष्टि नहीं हो पाई। इसके बाद से टीम इन गांवों के इर्द गिर्द डेरा डाले हुए है। डिप्टी रेंजर मोहित श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल कोई लोकेशन नहीं मिल रही है और न ही पगचिन्ह मिले हैं। आशंका है कि तेंदुआ सरयू नदी के किनारे होते हुए कहीं निकल गया है। टीम निगरानी कर रही है।

जंगली जानवर के हमले में तीन लोग जख्मी, मासूम गंभीर

UP: After wolf, now fear of leopard started in this district, forest department started combing, cage installe

थाना जैदपुर इलाके में नहर किनारे बकरी चराने गई किशोरी व बालिका पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया। हमले में बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई, जबकि किशोरी को हल्की खरोचे ही आईं। इस दौरान मौके से गुजर रहे एक और ग्रामीण को भी जानवर ने हमलाकर जख्मी किया। इनमें दो लोगों को सीएचसी लाया गया, जहां से बालिका को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। ग्रामीण भेड़िए के हमले की आशंका से दहशत में हैं, हालांकि वन विभाग सियार द्वारा हमला किए जाने की बात कह रहा है। आधा दर्जन गांवों में कांबिंग में टीम ने हमलावर जानवर का कोई सुराग नहीं लगा सकी ।

थाना जैदपुर क्षेत्र के गोछौरा गांव के अहमद अली की पुत्री रिजवाना (10) व सब्बीर की पुत्री चांदनी (15) मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे गांव से करीब 400 मीटर दूर चंदौली माइनर किनारे बकरी चराने के लिए गई थीं। इस दौरान एक जंगली जानवर ने बकरी पर हमला किया। रिजवाना ने पतथर मारा तो उसपरहमला कर उसके चेहरे को नोच लिया। साथ ही एक अंगुली भी काट डाली।

 चांदनी ने रिजवाना को बचाने का प्रयास किया तो उसके पैर पर भी झपट्टा मार दिया। इस बीच वहां से गुजर रहे बोजा गांव के महादेव (45) को भी जंगली जानवर ने हमला कर जख्मी कर दिया। शोर सुनकर ग्रामीण मौके की ओर भागे, लेकिन तब तक जानवर जंगल की ओर भाग निकला। आनन-फानन रिजवाना व महादेव को को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सतरिख लेकर गए, जहां से उसे जिला अस्पताल भेजा गया।

यहां रिजवाना का इलाज चल रहा। उधर, पड़ोस के इनका भी सीएचसी पर इलाज किया गया। सूचना पर डिप्टी रेंजर भगत यादव, वन दारोगा सचिन पटेल, रामदेव, पुलिस व वन कर्मियों के साथ गोछौरा, बोजा, टिकरा, चंदौली, पनिहल, बलछठ आदि गांवों में जंगल की ओर कांबिंग की। वन दरोगा सचिन पटेल ने बताया कि घटनास्थल पर मिले पगचिन्ह के आधार पर सियार की पुष्टि हुई है। घायल महादेव ने भी सियार की पुष्टि की है।

लाठी लेकर मुस्तैद ग्रामीण
हमले के बाद से दहशतजदा ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर मुस्तैद हैं। लोग अपने घरों से बच्चों को बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। वहीं ग्रामीण भी खेतों की ओर जाने से घबरा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय जंगली जानवर दोबारा हमला न कर दे, इसके लिए यहां वन विभाग या पुलिस की टीम तैनात की जाए। इस घटना के बाद आसपास के गांवों में बहराइच में भेड़ियों के वीडियो तेजी के साथ प्रसारित होने लगे। इससे ग्रामीण और सहम गए।

शिक्षकों ने बच्चों को पहुंचाया घर
घटना के बाद प्राथमिक विद्या बोजा, गोछौरा, टेरा, चंदौली स्कूलों के बच्चों में दहशत फैल गई। छुट्टी के बाद बच्चों को शिक्षक सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए घर तक गए। कई परिजन भी स्कूल में मौजूद रहे।

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