हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के विरोध में बुधवार को हिंदू संगठनों ने उग्र प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन के धारा 163 लगाने के बावजूद संजौली में हजारों की भीड़ जुटी और मस्जिद गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी करीब छह घंटे अड़े रहे। गुस्साई भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को दो बार लाठीचार्ज करना पड़ा। पानी की बौछारें भी की। पुलिस लाठीचार्ज और धक्का-मुक्की के कारण दस लोग घायल हो गए। घायलों में पांच पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। दर्जनों लोगों को हल्की चोटें भी आई हैं।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन गुस्साए लोगों ने बैरिकेड भी तोड़ डाले। इसके बाद जब भीड़ मस्जिद से महज 50 मीटर दूरी पर पहुंची तो दूसरे बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने पर धक्का-मुक्की से माहौल और तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने दोबारा भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान दमकल वाहनों की मदद से पानी की तेज बौछारों से भी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की गई। पुलिस ने सुबह 9:00 बजे शुरू हुए प्रदर्शन से दोपहर बाद 3:30 बजे तक दो बार लाठीचार्ज किया। इसके बावजूद लोगों की भीड़ हटने को तैयार नहीं थी। कई बार प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस बेबस नजर आई।

प्रदर्शनकारी जय श्रीराम और वंदेमातरम के नारे लगाते रहे। कई प्रदर्शनकारी तिरंगा झंडा लेकर पहुंचे थे। बेशक रैली की कॉल हिंदूवादी संगठनों की थी, लेकिन इसमें स्थानीय लोगों के अलावा सोलन, सिरमौर और बिलासपुर से भी लोग शामिल हुए। मामला जब गंभीर हुआ तो पुलिस और जिला प्रशासन ने बाजार में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। इससे आम जनता भी परेशान हुई। संजौली बाजार में दुकानें बंद करवानी पड़ी। छुट्टी के बाद स्कूलों में बच्चों को रोकना पड़ा। हालात इतने खराब हो गए कि जिला प्रशासन को सकुर्लर जारी करना पड़ा कि अभिभावक खुद आकर स्कूल से अपने बच्चों को लेकर जाएं।

इससे पूर्व हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ढली सब्जी मंडी के पास प्रदर्शन किया और फिर टनल के पास चक्का जाम कर दिया। हैरानी इस बात की है कि खुफिया तंत्र और पुलिस के इनपुट के बावजूद संजौली में भारी भीड़ एकत्रित हो गई और उसे कोई खबर तक नहीं लगी। पुलिस-प्रशासन ही नहीं खुफिया तंत्र भी पूरी तरह फेल नजर आया। इसका खामियाजा यह रहा कि प्रदर्शन के कारण शहर की जनता दिनभर परेशान होती रही। करीब छह घंटे की जद्दोजहद के बाद करीब 3:30 बजे प्रदर्शनकारियों को रोका जा सका, लेकिन उग्र प्रदर्शन के कारण शिमला शहर में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इस दौरान पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, एडीजी अभिषेक द्विवेदी, शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप और शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए दिनभर डटे रहे।

मस्जिद जाने वाले सभी मार्गों पर रहा सख्त पहरा
बुधवार सुबह 4:30 बजे से संजौली बाजार में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था। इस दौरान सभी सड़कों और रास्तों पर पुलिस का सख्त पहरा था। खासकर मस्जिद जाने वाले तीन रास्तों पर पुलिस ने किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी थी। इस दौरान प्रदेश की छह बटालियनों समेत 1,000 से अधिक पुलिस जवान तैनात थे। सुबह के समय इक्का दुक्का लोगों ने प्रदर्शन किया, जिससे प्रशासन और पुलिस विभाग को बड़े प्रदर्शन का अंदाजा नहीं लग सका।
प्रदर्शनकारियों की रणनीति ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ाईं, दो तरफ से घेरा
धारा 163 लागू होने के बावजूद सुबह करीब 9:30 बजे ढली टनल की तरफ हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई और 12:11 मिनट पर उग्र भीड़ ने ढली टनल पर पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ा। भीड़ नारेबाजी करते हुए मस्जिद की ओर बढ़ने लगी। आनन-फानन में संजौली बाजार के बीच पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए दूसरा बैरिकेड लगाया। यहां पहुंचने पर हजारों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। इसी बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और वाटर केनन का इस्तेमाल भी किया।
पुलिस के लिए चिंता इस बात की थी कि जहां भीड़ पहुंची थी, वहां से मस्जिद क्षेत्र महज 50 मीटर दूर था। ऐसे में अगर भीड़ यहां से निकल जाती तो हालात संभालना मुश्किल हो जाते। इसी बीच संजौली चौक पर भी लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। इससे पुलिस प्रदर्शनकारियों की रणनीति के कारण दोनों ओर से घिर गई। अब पुलिस के लिए इससे निपटना मुश्किल हो गया। इसके बाद संजौली चौक में भी पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। जब पुलिस के बैरिकेड काम न आए तो संजौली बाजार में ट्रक और बस के जरिये घेरा बनाकर उग्र भीड़ को रोका गया।
हिमाचल प्रदेश में देश के सभी नागरिक एक समान हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। जो भी कानून-व्यवस्था को हाथ में लेगा, उस पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने का किसी के पास कोई अधिकार नहीं है। विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। कानून-व्यवस्था को तोड़ने की इजाजत न तो किसी राजनेता को है और न ही राजनेता के समर्थक को। संजौली विवाद का क्या कारण रहा, क्यों विवाद बढ़ रहा है इस पर राज्य सरकार गहनता से विचार कर रही है- सुखविंद्र सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
13 को मंडी में प्रदर्शन, आज आधा दिन बंद रहेंगे शिमला के बाजार
संजौली बाजार में धारा 163 लगाने के बावजूद हुए उग्र प्रदर्शन के बाद प्रदेश भर में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। अब हिंदू संगठनों ने 13 सितंबर को मंडी जिले में प्रदर्शन करने का एलान किया है। हिंदू जागरण मंच के पूर्व महामंत्री कमल गौतम ने कहा कि अब प्रदेशभर में वहीं प्रदर्शन होंगे, जहां इस तरह अवैध ढांचे बनाए गए हैं। इसके तहत पहले मंडी और इसके बाद सुन्नी, कुल्लू समेत अन्य जिलों में प्रदर्शन की रणनीति बनाई जा रही है। हालांकि अभी इसकी तारीखें और समय को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। वहीं शिमला शहर के व्यापारी भी लाठीचार्ज के विरोध में आ गए हैं। व्यापारियों ने वीरवार को आधा दिन शिमला के बाजार बंद रखने का आह्वान किया है।
ऐसे बढ़ा विवाद
3 सिंतबर को मल्याणा में हुई दो गुटों में मारपीट के बाद चिंगारी भड़की। 5 सिंतबर को संजौली में मस्जिद के बाहर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। 7 सिंतबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर सुनवाई हुई। इसमें वक्फ बोर्ड का पक्ष सुनने के बाद 5 अक्तूबर की तारीख दी गई। 7 सितंबर को ही हिंदूवादी संगठनों ने 11 सितंबर को संजौली में रैली निकालने और प्रदर्शन करने का आह्वान कर दिया था।
लाठीचार्ज निंदनीय : डॉ. बिंदल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल कहा कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज निंदनीय है। डॉ. बिंदल ने कहा की सरकार ने अभी तक अनधिकृत बनी हुई मस्जिद के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ऐसे में कांग्रेस की सरकार उन निहत्थे लोगों पर लाठीचार्ज करके क्या बताना चाहती है। डॉ. बिंदल ने कांग्रेस को सलाह दी कि हिंदू जनमानस का विरोध करना छोड़ दे।
जयराम बोले- हिन्दू समाज में आक्रोश
संजौली मस्जिद मामले पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, “पहले से संभावना लग रही थी कि हिन्दू समाज में आक्रोश है। पहले ही हमने विधानसभा में कहा था कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले। सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और लाठी चार्ज हो गया है, वाटर केनन का इस्तेमाल किया गया है। प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश नहीं की। लोगों की भावना और अधिक आहत हुई हैं।”