उत्तर प्रदेश के आगरा में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल विजय तोमर की जिला जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मामले में बसपा से भाजपा में आए एक नेता पर भी आरोप लगाया गया है। मृतक की पत्नी डॉ. अलका सिंह का आरोप है कि पति की हत्या की गई है। उनके पति को जेल भिजवाने से लेकर जेल में उत्पीड़न के पीछे पूरा षड्यंत्र है। तहरीर की पुलिस जांच कर रही है।
डॉ. अलका सिंह ने शनिवार को पुलिस आयुक्त से मुलाकात की। उन्हें बताया कि इस केस में साजिश की जड़ें बहुत गहरी हैं। कारोबारी लेन-देन के विवाद में बड़े दलालों को मामला निपटाने का ठेका दिया गया। इसके पहले पंचायत में दबाव बनाया गया। जब बात नहीं बनी तो केस दर्ज कराया गया। जो धारा नहीं बनती उसमें गिरफ्तारी कराई।
बताया कि जेल में धमकियां दिलवाईं। जब हाईकोर्ट से जमानत हो गई तो जेल से बाहर नहीं आने दिया। जेल में ही उनकी मौत हो गई। आरोप है कि इस पूरे कांड में कई बड़े जूता कारोबारी भी शामिल हैं। पुलिस आयुक्त ने उन्हें जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। व्यापारिक लेनदेन के विवाद में सेवानिवृत्त कर्नल को सिकंदरा थाने से पुलिस ने जुलाई 2024 में जेल भेजा गया था।
उनकी जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हुई थी। चार दिन पहले रिहाई का परवाना पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम में मौत की वजह साफ नहीं होने से विसरा सुरक्षित रखा गया है। विजय तोमर के खिलाफ सिकंदरा थाने में जूता निर्यातक कैप्टन एएस राना की पत्नी सुनीता राना ने केस दर्ज कराया था। 2.39 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया।
मुकदमे में उनकी मां, पत्नी और बेटियों को भी नामजद किया गया। पुलिस ने धोखाधड़ी और गबन की धारा में गिरफ्तार करके जेल भेजा। यह मामला पहले से एमएसएमई परिषद के समक्ष सिविल केस और नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दायर किया गया था, जो लंबित है।