दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने चोरी के मोबाइल देश के बाहर पहुंचाने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर एक बांग्लादेशी समेत तीन को गिरफ्तार किया है। आरोपी पिछले डेढ़ वर्ष में बांग्लादेश समेत कई देशों में चोरी के 1000 से ज्यादा मोबाइल पहुंचा चुके हैं। ये दिल्ली-एनसीआर व मेरठ से चोरी के मोबाइल खरीदते थे। इनके कब्जे से 60 हाई-एंड एंड्रॉइड मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने दिल्ली में चोरी के 10 मामलों का खुलासा किया गया। आरोपी बांग्लादेशी मोरजेन हुसैन(35) पाकिस्तान से भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी के मामले में एक आरोपी को पहले एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राकेश पावरिया ने बताया कि इंस्पेक्टर विवेकानंद व एसआई सुमित कुमार की टीम चोरी के मोबाइल फोन की चोरी और अवैध व्यापार में शामिल संगठित गिरोहों को पकडऩे का काम सौंपा गया। जांच में पता चला कि चोरी के मोबाइल फोन भारत से तस्करी करके बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों में भेजे जा रहे थे, जहां इन मोबाइल फोन को ग्रे मार्केट में बेचा जाता था।
टीम में तैनात हवलदार पंकज गुप्ता को एक गुप्त सूचना मिली कि तीन संदिग्ध मोरजेन हुसैन, मिठू सेख और मोहम्मद असिक, जो चोरी के मोबाइल फोन के रिसीवर और सप्लायर हैं, बड़ी मात्रा में 70-80 चोरी के मोबाइल फोन दिल्ली से ले जा रहे हैं। एसीपी पवन कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद, एसआई सुमित कुमार, एएसआई महेश पाटिल, हवलदार कमल व हवलदार रजत की टीम ने घेराबंदी कर आरोपी मोरजेन हुसैन, मिठू सेख और मोहम्मद असिक को दिल्ली के न्यू सीमापुरी स्थित उनके किराए के घर से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी मोरजेन हुसैन और मिठू सेख ने खुलासा किया कि वह सीमापुरी, दिल्ली और शाहिदनगर, यूपी से रिहान और साकिर नामक अपने साथियों से चोरी के सामान/मोबाइल फोन खरीदते हैं और आगे इन चोरी के मोबाइल फोन को मालदा, पश्चिम बंगाल में मासूम और मनन नामक अपने साथियों को सप्लाई करते हैं। इन चोरी के मोबाइल फोन को आगे ग्रे मार्केट में बांग्लादेश में बेचा जाता है। आरोपी मोहम्मद असिक मासूम और मनन के निर्देश पर बरामद मोबाइल फोन की डिलीवरी लेने आया था ताकि इन मोबाइल फोन को बांग्लादेश में आगे सप्लाई कर सके। वह चोरी के मोबाइल फोन लेने के लिए अक्सर दिल्ली आता रहता है।
आरोपी अब तक डेढ़ साल की अवधि में बांग्लादेश में लगभग 1000 मोबाइल फोन सप्लाई कर चुके हैं। आरोपी मोरजेन हुसैन (35) का गांव भारत-बांग्लादेश सीमा के पास है। आरोपी मिठू सेख (28) के 4 छोटे भाई हैं। मोहम्मद असिक (25) स्नातक है। वह चोरी के मोबाइल फोन लेने के लिए अक्सर भारत आता-जाता रहता है।
आरोपी वर्ष 2012 में आरोपी मोरजेन हुसैन को एनआईए ने भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए पाकिस्तान से 500 और 1000 रुपये के नकली भारतीय नोटों (नकली भारतीय मुद्रा नोट) की तस्करी करने और पूरे भारत में इसे प्रसारित करने के मामले में गिरफ्तार किया था। चूंकि उसका ठिकाना बांग्लादेश में था, इसलिए जेल से बाहर आने के बाद उसने चोरी के मोबाइल फोन का धंधा शुरू कर दिया। मोहम्मद असिक के नाम से जारी एक बांग्लादेशी पासपोर्ट बरामद किया गया है।