गाजीपुर शहर कोतवाली के जमानिया रेलवे ब्रिज के नीचे रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का बोटा रखने के आरोपी को पुलिस ने आरपीएफ और जीआरपी की मदद से जमानिया रजागंज रेलवे ब्रिज के नीचे से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में लकड़ी के बोटा के साथ चिलम भी बरामद की गई है।
यह है मामला
गाजीपुर सिटी और गाजीपुर घाट स्टेशन के बीच 126/31 किमी के पास 16 सितंबर को स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट एक्सप्रेस के इंजन से ट्रैक पर पड़ा लकड़ी का बोटा टकरा गया था। इससे पाइप फट गई और इंजन फेल हो गया था। ट्रेन करीब ढाई घंटे तक ट्रैक पर ही खड़ी रही थी। औड़िहार जंक्शन से इंजन आने के बाद ट्रेन रवाना हो पाई थी।
निगरानी के दौरान पुलिस टीम को ऐसे मिला आरोपी
इस मामले में कोतवाली पुलिस मुकदमा दर्जकर आरोपी की तलाश में जुटी थी। पुलिस टीम ट्रैक की निगरानी करते हुए जमानिया रजागंज रेलवे ब्रिज के करीब पहुंची तो पुल के ऊपर झाड़ी में किसी व्यक्ति के आने की आहट सुनाई दी। इसी दौरान एक व्यक्ति हाथ में लकड़ी का गुटका लिए पुल से उतरकर रेलवे ट्रैक की तरफ बढ़ता दिखाई दिया। पुलिस ने घेरकर उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम सुहवल गांव निवासी आशीष गुप्ता बताया।
जानवर भगाने के लिए साथ में रखता था लकड़ी का बोटा
प्रभारी निरीक्षक दीनदयाल पांडेय के मुताबिक इस मामले में पकड़े गए आरोपी को नशे की लत के कारण उसके पत्नी और बच्चे चार साल पहले ही छोड़ चुके हैं। पूछताछ में उसने बताया कि घर से अलग रहने के कारण वह रेलवे ब्रिज के नीचे ही कोने में रात गुजारता है। देर रात तक घूमने के बाद अक्सर रात में पुल के नीचे नशा करने के बाद सो जाता है।
ब्रिज के नीचे सोते समय वह लकड़ी को बोटा अपने पास रखता है, ताकि कोई जानवर आने पर उसे भगाया जा सके। उसी लकड़ी के बोटे को सिर के नीचे रखकर सो भी जाता है। उसने स्वीकार किया कि 16 सितंबर को भी वह सिरहाने लकड़ी रखकर सो रहा था। नशा अधिक होने के कारण लकड़ी को ट्रैक से हटाए बिना ही चला गया था।