अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होगा। इससे ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-23 सितंबर को तीन दिन के लिए अमेरिका जा रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप उनसे मिलना चाहते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन से भी प्रधानमंत्री की भेंट होगी। प्रधानमंत्री यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलोंस्की और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से भी मिलेंगे। इसका अलावा क्वॉड शिखर सम्मेलन, संयुक्त राष्ट्र समिति में भी हिस्सा लेंगे। ऐसे में एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि प्रधानमंत्री लौटते समय क्या लेकर लौटेंगे?
अच्छा संदेश देगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा
दो चीजें बिल्कुल साफ है। प्रधानमंत्री पिछले साल अमेरिका गए थे और प्रधानमंत्री के तौर पर पिछले दस साल में यह उनका 9वां दौरा होगा। अमेरिका में भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में मतदाता है। भारतीय अमेरिकियों की अमेरिका में पिछले साल तक संख्या 50 लाख के करीब थी। अश्वेत एशियाई मूल के लोग भी बड़ी तादाद में हैं।
डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस का भारत से नाता रहा है। वहां अश्वेत करीब 33 प्रतिशत हैं। जबकि श्वेत मतदाता 50 प्रतिशत हैं। इसलिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप भारतीयों में लगातार प्रधानमंत्री मोदी को मित्र बताकर संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। डेमोक्रेट उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और राष्ट्रपति जो बाइडन भी इस मामले में कोई कसर नहीं छोडऩे वाले हैं। प्रधानमंत्री इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे। इसलिए प्रधानमंत्री की अमेरिका की यात्रा काफी अच्छी रहने वाली है। इससे भारत और अमेरिका के गहराते रिश्ते का संदेश जाएगा।
अमेरिका में क्वॉड शिखर सम्मेलन?
यह क्वॉड (अमेरिका, जापान, भारत और आस्ट्रेलिया) शिखर सम्मेलन इस साल भारत में होना था, लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर 2024 में क्वॉड का चौथा शिखर सम्मेलन अमेरिका के विलमिंगटन,डेलावेयर में हो रहा है। यह राष्ट्रपति जो बाइडन का गृह नगर भी है। भारत में इसका आयोजन अब 2025 में होगा। बताते चलें कि पहला क्वॉड शिखर सम्मेलन राष्ट्रपति बाइडन ने 2020 में वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया था। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कूटनीतिक बयान देकर भले कहा है कि क्वॉड मजबूत हो रहा है। सच तो यह है कि अभी तक क्वॉड फोरम अपनी जमीन और आसमान को ही तय नहीं कर पाया है। इस बार के सम्मेलन में उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका और क्वॉड के सदस्य देश हिंद महासागरीय क्षेत्र में अपने हितों, विकास तथा इसके एक साल के एजेंडे को अंतिम रूप दे पाएंगे। क्वॉड की रूपरेखा कुछ असरदार हो सकेगी।
प्रधानमंत्री का क्या रहेगा कार्यक्रम?
प्रधानमंत्री 21 सितंबर को क्वॉड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 22 सितंबर को अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। 21 और 22 सितंबर को प्रधानमंत्री राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता और कंपनियों के सीईओ, भारतीय समुदाय के सम्मेलन समेत अन्य कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगे। 23 सितंबर को प्रधानमंत्री को संयुक्त राष्ट्र में बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान विषय पर अपना संबोधन देना है। गौरतलब है कि यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास सैन्य संघर्ष चल रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री बहुपक्षीय समाधान पर जोर देने के साथ-साथ युद्ध और आतंकवाद जैसी स्थितियों को खारिज करते हुए संवाद, शांति और विश्व में स्थायित्व की स्थापना पर जोर देंगे।
पुतिन और जेलेंस्की के बाद बाइडन से भेंट में क्या आएगा भारत के हाथ?
अमेरिका की यात्रा से पहले भारत को एक बड़ा उपहार मिल चुका है। अमेरिका के सहयोग से भारत ने सेमी कंडक्टर की दिशा में नींव रख दी है। वहां चुनाव का साल है, इसलिए बहुत अधिक उम्मीद बेइमानी है। विदेश मामले के जानकार रंजीत कुमार कहते हैं कि क्वॉड सम्मेलन में एक-दो महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं। रहा सवाल विश्व में शांति की स्थापना और सैन्य संघर्ष को रोकने में भारत की भूमिका का सवाल तो इस बारे में कोई भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। न ही भारत इस स्थिति में है। रंजीत कुमार कहते हैं कि सब दिखावे की बात है। आखिर युद्ध रुकवाने या मध्यस्थता के लिए भारत को कौन पूछ रहा है? न भारत की भूमिका को रूस स्वीकार करेगा और न अमेरिका को अपना हित सधता हुआ दिखाई देगा। कुल मिलाकर यही कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा एक अच्छे वातावरण में होगी। पिछले साल भारत में चुनाव से पहले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जो बाइडन आए थे और इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव मतदान से ठीक पहले जा रहे हैं।