प्रसाद में चर्बी मिलना जघन्य अपराध: आचार्य सत्येंद्र दास

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि तिरुपति मामला बेहद  निराशाजनक है। यह हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। तिरुपति के लड्डू अयोध्या भी आए थे। वह भक्तों को प्रसाद के रूप में बांटे गए थे । तिरुपति के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने का मामला बहुत ही चिंताजनक है । इसने तिरुपति कि प्रतिष्ठा भी धूमिल की है।

इस पूरे मामले की जांच कर जो भी दोषी हो, चाहे वह प्रशासन हो या फिर ट्रस्ट उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 3 टन लड्डू तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर की तरफ से भेजे गए थे। जो श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में बांटे भी गए थे।

बता दें कि इस मुद्दे पर जमकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। इसे लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस द्वारा संचालित पिछली सरकार के दौरान तिरुपति बालाजी के लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, नायडू के इस बयान का वाईएसआर कांग्रेस ने खंडन किया है। वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी ने नायडू के इस आरोप को दुर्भावनापूर्ण बताया है।  

एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करने के दौरान बुधवार को सीएम नायडू ने कहा कि जगन रेड्डी सरकार के कार्यकाल में तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर द्वारा लड्डू बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया था। मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा किया जाता है।

सीएम नायडू ने कहा, ‘पिछले पांच वर्षों में वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया है। उन्होंने ‘अन्नदानम’ (मुफ्त भोजन) की गुणवत्ता से समझौता किया। यहां तक कि घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग करके पवित्र तिरुमाला लड्डू को भी दूषित कर दिया। हालांकि, हम अब शुद्ध घी का उपयोग कर रहे हैं। हम टीटीडी की पवित्रता की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं।’

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