हिमाचल में सामान्य से 691 फीसदी अधिक बरसे बादल, पांवटा में फटा बादल

विदाई से ठीक पहले मानसून ने हिमाचल प्रदेश में फिर कहर बरपाया है। प्रदेश की राजधानी शिमला, सिरमौर सहित अन्य भागों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। प्रदेश में बुधवार रात से गुरुवार शाम तक बादल सामान्य से 691 फीसदी अधिक बरसे। इस अवधि के लिए 2.1 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया, लेकिन वास्तव में 16.6 मिलीमीटर बारिश हुई। बिलासपुर में सामान्य से 670, हमीरपुर 1100, मंडी 1170, शिमला 480, सिरमाैर 5733, सोलन 63 व ऊना में 3789 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई।

वहीं चंबा, किन्नाैर, कुल्लू व लाहाैल-स्पीति से सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई।सिरमौर के पांवटा साहिब क्षेत्र में अंबोया खाला में बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। यहां मलबे में दबने से रंगी राम पुत्र कंशु की माैत हो गई। वहीं बादल फटने के बाद बड़ी मात्रा में आए मलबे से पांच दुकानें, दो छोटे पुल, एक शेड व दो घराट क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चहारदीवारी और एक कार को भी नुकसान हुआ है। 

सतौन में बन रही कृत्रिम झील
भारी बारिश के चलते सतौन में एंगल स्टेशन के पास कृत्रिम झील बन रही है। झील में पानी का जलस्तर बढ़ने से एससी बस्ती को खतरा बन सकता है। पानी की निकासी नहीं होने के कारण सतौन क्षेत्र सहित एनएच का पानी भी इसी जगह एकत्रित हो रहा है। यदि झील टूटने से पानी बाहर निकलता है तो एससी बस्ती को खतरा बन सकता है। आज तक पानी की निकासी को कोई योजना नहीं बन पाई। वहीं राजधानी शिमला में सुबह मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया । शहर की सड़कें पानी से लबालब हो गईं। बरसाती नाले उफान पर आ गए। कई जगह भूस्खलन भी हुआ। नाले में आई बाढ़ से टाॅलैंड के पास मलबे में एक गाड़ी दब गई। खलीनी-टूटीकंडी मार्ग पर टाॅलैंड नाले में एक पेड़ ढह गया है। इससे वाहनों की लंबी लाइन लग गई। 

सड़क पर जमा मलबे में फंसी बस
एनएच-3 पर निर्माण कार्य के चलते आवाहदेवी- दिल्ली, जम्मू-कटड़ा रूट की एचआरटीसी बस बांरी पंचायत के चाहड़ मोड़ के पास मलबे में फंस गई। हमीरपुर जिले में देर रात भारी बारिश के चलते यहां पर सड़क में जलभराव हुआ है। वहीं एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक राजकुमार पाठक का कहना है कि बस को निकाल लिया गया है। किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं लगी है।
बीती रात से जमकर बरसे बादल, आज के लिए ऑरेंज अलर्ट
धौलाकुआं में 275.0, पांवटा साहिब: 165.6, गुलेर 134.0, नगरोटा सुरियां 125.0, नाहन 94.4, जोगिंदरनगर 90.0, घमरूर 82.2, बैजनाथ 75.0, कांगड़ा 38.3,  पालमपुर 39.0, मंडी 42.2, जुब्बड़हट्टी 43.2 व देहरा गोपीपुर में 38.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट के बीच राजधानी शिमला व अन्य कई भागों में सुबह से भारी बारिश जारी रही। 27 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 28 सितंबर से बारिश में कमी आने का पूर्वानुमान है। 30 सितंबर से राज्य के सभी भागों में माैसम साफ रहने की संभावना है।

 72 सड़कें और 469 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित, सात जिलों में बाढ़ का जोखिम
राज्य में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से एक नेशनल हाईवे सहित 72 सड़कें बाधित रहीं। एक पुल भी क्षतिग्रस्त है। इसके अतिरिक्त 469 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित चल रहे हैं। अगले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश के सिरमौर, कांगड़ा, चंबा, सोलन, कुल्लू, शिमला और मंडी जिलों के कुछ जलग्रहण और आसपास के क्षेत्रों में हल्के से मध्यम स्तर की बाढ़ का जोखिम होने की संभावना है।

सोलन में भारी बारिश, कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन
सोलन जिले के कई क्षेत्रों में गुरुवार सुबह सेतेज बारिश दर्ज की गई। इससे कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर लगातार भूस्खलन का सिलसिला जारी। हाईवे पर तंबूमोड और चक्कीमोड के समीप लगातार पत्थर व मलबा गिर रहा है। इससे बीच-बीच मे आवाजाही पर ब्रेक लग गई वहीं सोलन से कैथलीघाट के बीच भी यही हाल है। पत्थरों के लगातार गिरने के कारण लोगों को परेशानी आ रही है। हालांकि, फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी बारिश में ही पत्थरों को हटाने का कार्य कर रही है।
पीडब्ल्यूडी को लगभग 600 करोड़ का नुकसान: विक्रमादित्य
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछली बार की तुलना में हिमाचल प्रदेश को कम नुकसान हुआ है। फिर भी, इस वित्तीय वर्ष में पीडब्ल्यूडी को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, कुछ सड़कें बह गईं, 1-2 पुल बह गए। इस मानसून अवधि में लगभग 40 लोग मारे गए। हम केंद्र से भी सहायता मांग रहे हैं।

सीएम ने कहा था कि आपदा के बाद राष्ट्रीय मूल्यांकन के तहत हिमाचल प्रदेश को जो सहायता मिलनी चाहिए, वह अभी तक नहीं मिली है। प्रदेश को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के तहत बहुत कम सहायता मिली है। विपक्ष शासित राज्यों के साथ ऐसी राजनीति की जा रही है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। आपदा राज्य या सरकार नहीं देखती। केंद्र को हिमाचल को मदद करनी चाहिए, लेकिन इस मुश्किल समय में भी राज्य को अपेक्षित मदद नहीं दी गई। इसके बावजूद, हमने सड़कों को बहाल करने की कोशिश की है और शोक संतप्त परिवारों को मुआवजा दिया गया है। इसलिए, हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। 

आरठ में आधी रात को छत पर गिरा पेड़, बाल-बाल बचे परिवार के सदस्य
जयसिंहपुर उपमंडल की सुआ पंचायत के तहत आरठ में रवि कुमार के मकान पर देर रात एक बड़ा पेड़ गिर गया। इससे मकान को काफी नुकसान हुआ है। रात करीब 3:00 बजे रवि कुमार पुत्र स्वर्गीय भूमि चंद के मकान पर एक पेड़ गिर गया। अचानक जोरदार धमाके की आवाज से गहरी नींद से परिवार के सदस्यों की आंख खुली तो देखा घर पर ही पेड़ गिरा है। परिवार के सदस्य ऊपरी मंजिल पर भी सोए हुए थे। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई। घटना का पता चलते ही इसकी सूचना पंचायत सदस्य रवि कांत ने हलका के ग्रामीण राजस्व अधिकारी को दी। पंचायत प्रधान प्रधान व अन्य सदस्यों ने भी शासन प्रशासन से पीड़ित परिवार को नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजे की मांग की है।

कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी
 जिला कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों में हल्की बर्फबारी हुई। बुधवार रात को रोहतांग दर्रा के साथ हनुमान टिब्बा, शिंकुला, कुंजम दर्रा के साथ ऊंची चोटियों में रुक-रुककर हल्की बर्फबारी हुई है। इस कारण सुबह शाम का तापमान गिर रहा है। गुरुवार को मनाली क्षेत्र में कुछ समय बारिश भी हुई है। मौसम में आ रहे बदलाव के कारण कुल्लू-मनाली हाईवे-तीन पर वाहन चलाना भी जोखिम भरा हो गया है। कई जगह पानी सड़कों पर जमना शुरू हो गया है।

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