रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने भारत के साथ दोस्ताना रिश्ता रखा होता, तो उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मांगे गए पैकेज से भी बड़ा राहत पैकेज दिया जाता।
राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014-15 में जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए जिस विशेष पैकेज की घोषणा की थी, वह अब बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। जितनी रकम के लिए पूरा पाकिस्तान आईएमएफ के सामने मिन्नतें कर रहा था, उससे कहीं ज्यादा रकम जम्मू-कश्मीर के लिए हमारी सरकार ने दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने रविवार को दक्षिण कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रैली में पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा, सरहद के पार बैठकर हिंदुस्तान को नुकसान पहुंचाने का मंसूबा पालने वालों को मैं साफ-साफ बता देना चाहता हूं कि अगर भारत में कोई बड़ी आतंकी वारदात हुई, तो दहशतगर्द जहां बैठे हैं, वहीं मारे जाएंगे। पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह नया हिंदुस्तान है। दहशतगर्दी के खिलाफ हम सरहद के उस पार जाकर भी कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं।
बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान
राजनाथ ने कहा कि हिंदुस्तान की हर सरकार ने पाकिस्तान को समझाया है कि अपनी जमीन पर चलने वाले प्रशिक्षण कैंद बंद करे, मगर वह आज भी बाज नहीं आ रहा है।
आतंक की फैक्टरी चलाने के लिए दूसरों से धन मांगता है पाकिस्तान
राजनाथ ने कहा, हम जम्मू-कश्मीर की तरक्की और यहां के लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए पैसे खर्च करते हैं। लेकिन पाकिस्तान आर्थिक सहायता का गलत इस्तेमाल करता है। वह अपनी धरती पर आतंकवाद की फैक्टरी चलाने के लिए दूसरे देशों से धन मांगता है।
370 की समाप्ति से बौखलाया
रक्षा मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। कश्मीर में दहशतगर्दी के पीछे हमेशा पाकिस्तान का हाथ मिला है। वह नहीं चाहता कि जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत मजबूत हो, लेकिन दहशतगर्दी का उसका कारोबार लंबा नहीं चलने वाला।
यह चुनाव नहीं, जम्हूरियत की ताकत का प्रदर्शन
राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का यह चुनाव कोई आम चुनाव नहीं है। यह हिंदुस्तान की जम्हूरियत की ताकत और उसकी मजबूती का प्रदर्शन है। यह आपकी जम्हूरी हक का सम्मान है। जब घाटी में इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत बहाल करने का अटल बिहारी वाजपेयी का सपना साकार होगा तो कश्मीर फिर से धरती का स्वर्ग बन जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग
भारत के खिलाफ आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वाला पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग पड़ गया है। उसके विश्वस्त सहयोगी भी पीछे हट गए हैं। यहां तक कि पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्किये ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का जिक्र नहीं किया।– राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री