नेमप्लेट विवाद के बीच हिमाचल की सुक्खू सरकार ने शुरू किया नया अभियान

हिमाचल प्रदेश में इस समय नेम प्लेट को लेकर विवाद चल रहा है. जहां मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रेहड़ी-पटरी, ढाबा-रेस्टोरेंट मालिकों को दुकान में आईडी लगाने के लिए कहा. वहीं, दूसरी तरफ पार्टी ने कह दिया है कि नेम प्लेट विवाद को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. इसी बीच सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने राज्य को नशे से मुक्त करने के लिए एक अभियान शुरू किया है.

सीएम ने रविवार को ऐलान किया कि उनकी सरकार राज्य में ‘नशा मुक्त हिमाचल अभियान’ शुरू करने जा रही है. इस अभियान की मदद से नशीली दवाओं और उनके दुरुपयोग के खतरे से निपटने को लेकर काम किया जाएगा. अभियान के तीन मुख्य बिंदु हैं. जिनमें पहला और सबसे अहम बिंदु है रोकथाम. इसी के बाद नशीली दवाओं का सेवन करने वालों की पहचान दूसरा अहम काम है, जिसके बाद लोगों को नशे की लत से बाहर निकालना इस अभियान का तीसरा सबसे अहम काम होगा. सीएम सुक्खू ने कहा, उनकी सरकार नशीली दवाइयों के दुरुपयोग को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रही है.

“नशा समाज के लिए बड़ा खतरा”

सीएम सुक्खू ने कहा, ये मुद्दा हमारे समाज के सबसे बड़े खतरों में से एक है, जो स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिरता और आर्थिक कल्याण पर असर डालता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान का लक्ष्य आने वाली पीढ़ी को नशे के दलदल से बचाने का है और यह सुनिश्चित करने का है कि लोग नशीली दवाओं के सेवन से बचे. अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है.

उन्होंने आगे कहा, अभियान के तहत इंडस्ट्रियल जोन, स्कूल-कॉलेज, प्रदेश की राजधानी और नगर निगम पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और बहुत से जागरूकता प्रोग्राम सोशल मीडिया पर चलाए जाएंगे.

अभियान में इलाज की सुविधा

सीएम ने बताया, इस अभियान को सफल बनाने के लिए और पुनर्वासों (Rehabilitations) के समर्थन के लिए, सरकारी अस्पतालों और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में डिटॉक्सिफिकेशन और काउंसलिंग सेंटर बनाने पर विचार किया जा रहा है. स्थापना के बाद, ये सेंटर लोगों को इलाज कराने के लिए जरूरी सुविधाएं देने का काम करेंगे. नशीली दवाइयों से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए एक स्पेशल फोर्स को भी नियुक्त किया जाएगा.

सीएम ने यह भी कहा, अभियान को सही ढंग से आगे बढ़ाने के लिए एक एडवाइजरी बोर्ड बनाया गया है. पुलिस विभाग ने एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को पब्लिश किया है जो नशे से जुड़े सभी गलत कामों को प्रभावी ढंग से संभालने में अधिकारियों के लिए मददगार होगा.

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