सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management (CAQM)) को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम से कहा कि उन्होंने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लागू कराने के लिए कुछ नहीं किया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि सीएक्यूएम ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के खिलाफ एक भी मुकदमा नहीं चलाया है।
पीठ ने कहा कि पराली जलाने के मुद्दे पर सीएक्यूएम की 29 अगस्त को ही बैठक हुई थी। इस बैठक में 11 में से केवल पांच सदस्य ही मौजूद थे, जहां उनके द्वारा जारी किए गए निर्देशों को लागू करने पर चर्चा तक नहीं हुई। शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ भी कुछ खास कार्रवाई नहीं की है और बहुत ही कम जुर्माना वसूला गया है। न्यायालय ने केंद्र और सीएक्यूएम को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अब कोर्ट इस मामले पर 16 अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगी।
तेंदुओं को देखते ही गोली मारने के निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वार्डन द्वारा आदमखोर तेंदुओं को देखते ही गोली मारने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई। इस पर वकील ने आज ही सुनवाई की मांग की क्योंकि राजस्थान रिजर्व में तेंदुओं को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। गौरतलब है कि उदयपुर जिलों के गांवों में आदमखोर तेंदुओं का आतंक है। पिछले 12 दिनों में तेंदुए 8 लोगों की जान ले चुके हैं।