दिल्ली: सोनम वांगचुक पर लगी रोक ली गई वापस, हुए रिहा

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके साथियों को बुधवार रात को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है. इसके साथ ही दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सभा और विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने वाले दिल्ली पुलिस के आदेश को भी वापस ले लिया गया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को दिल्ली उच्च हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान ये बातें कहीं.

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने सोनम वांगचुक और उनके साथियों की रिहाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की. इस याचिका में उनके उनके और उनके साथियों के खिलाफ प्रदर्शन पर रोक लगाने को चुनौती दी गई थी.

सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के लगभग 120 लोगों को सोमवार रात पुलिस ने दिल्ली की सीमा पर हिरासत में लिया था. वे और उनके साथी संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को शामिल करने की मांग दिल्ली की ओर से मार्च कर रहे थे.

वांगचुक को लेकर SG ने कोर्ट में कही ये बात

छठी अनुसूची मेघालय, असम, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन से जुड़ा है. वांगचुक ने ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ एक महीने पहले लेह से शुरू की थी.

सॉलिसिटर जनरल (एसजी) ने कोर्ट को बताया कि 30 सितंबर को लगाया गया निषेधात्मक अब बदली हुई परिस्थितियों को देखते हुए वापस ले लिया गया. लेकिन जहां तक हिरासत की बात है. वे वास्तव में हिरासत नहीं थे, लेकिन वे भी बाहर हैं. सॉलिसिटर जनरल (एसजी) कहा कि वे लोग राजघाट बुधवार को गये थे. वे लोग लगभग दो घंटे तक रहे और गृह मंत्रालय को ज्ञापन भी सौंपा.

वांगचुक की रिहाई के बाद सामाजिक कार्यकर्ता आजाद ने वांगचुक के साथ मिलकर काम किया है. लेह सर्वोच्च निकाय के कानूनी सलाहकार और वकील मुस्तफा हाजी की याचिकाओं पर अदालत ने कार्यवाही बंद कर दी.

अभी भी पूरी तरह से आजाद नहीं: प्रशांति भूषण

हालांकि, एक अलग याचिका की सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जो जागरूकता फैलाने के लिए जंतर-मंतर जाना चाहते हैं, लेकिन अभी भी उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है. वे पूरी तरह से आजाद नहीं हैं.

वे पूरी तरह से आजाद नहीं है और सोनम वांगचुक को उनके अन्य सहयोगियों से मिलने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें अलग-अलग स्थानों पर रखा जा रहा है.

सोनम वांगचुक को लद्दाख भवन तो अन्य को अंबेडकर भवन में रखा गया है. उनके खिलाफ अभी भी कुछ बैन हैं. उन्होंने मांग की कि सोनम वांगचुक को कोर्ट में पेश किया जाए.

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