ग्रामीण डाक सेवक भर्ती फर्जीवाड़े की आंच अब मैनपुरी तक पहुंच गई है। दो दिन पहले अलीगढ़ से एसटीएफ मेरठ ने 13 लोगों को फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किया था। इसी में गिरफ्तार हुए डाक अधीक्षक मैनपुरी के चालक को बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया। जल्द ही मैनपुरी में भी जांच के लिए एसटीएफ दस्तक दे सकती है।
दो दिन पहले एसटीएफ मेरठ ने ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में फर्जी मार्कशीट से नौकरी लगवाने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया था। इसमें मैनपुरी डाक अधीक्षक का चालक विकल यादव भी शामिल था। विकल यादव की मूल तैनाती पोस्टमैन के पद पर थी। इसके बाद भी अधिकारियों की मेहरबानी पर वह डाक अधीक्षक की कार चलाता था। गिरफ्तारी के बाद बृहस्पतिवार को डाक अधीक्षक आरएस शर्मा ने विकल यादव को निलंबित कर दिया। पूरे मामले को डाक विभाग में खलबली मची हुई है।
दरअसल इस पूरे मामले में डाक अधीक्षक अलीगढ़ संजय सिंह और सीपीएम झांसी देवेंद्र कुमार का नाम सामने आ रहा है। ये दोनों ही अधिकारी मैनपुरी में डाक अधीक्षक के पद पर तैनात रह चुके हैं। ऐसे में यहां भी भर्ती में फर्जीवाड़ा होने की आशंका प्रबल है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही एसटीएफ मेरठ पूछताछ के लिए मैनपुरी आ सकती है। फोन पर डाक विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना भी दी गई है। हालांकि अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
पोस्टमैन से ओवरशियर और फिर वापस बना पोस्टमैन
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया डाक अधीक्षक के चालक विकल यादव पर डाक विभाग के अधिकारी भी खूब मेहरबान रहे। पहले पोस्टमैन से उसे डाक ओवरशियर बना दिया गया। ओवरशियर पर अपने क्षेत्र के डाकघरों के नियमित निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी होती है। विकल के ओवरशियर रहने के दौरान ही शाखा डाकघर बरनाहल में 10 दिन के लिए भेजे गए रवि यादव की हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी। परिजन ने शाखा डाकपाल पर धमकी देने का आरोप लगाया था और गबन करने की भी बात कही थी।
इसी के बाद विकल यादव आनन फानन में फिर से पोस्टमैन बन गया। ये आदेश तत्कालीन डाक अधीक्षक ने जारी किया था। इसके बाद उन्हीं अधिकारी ने उसे अपना ड्राइवर बना लिया।डाक अधीक्षक मैनपुरी आरएस शर्मा ने बताया कि एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए पोस्टमैन विकल यादव को निलंबित कर दिया गया है। कोई भी कर्मचारी अगर जेल में निरुद्ध होता है तो उसे निलंबित किया जाना अनिवार्य है। जांच में जो भी सामने आएगा उसके अनुसार कार्रवाई होगी।