नेकां और भाजपा की मुलाकात की चर्चा, नतीजों के पहले पर्दे के पीछे की सियासत तेज

विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले राजनीतिक दलों ने संभावित समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं। कोई गठबंधन होने के बावजूद नए साथी की तलाश में है तो कई नए गठबंधन की पटकथा लिख रहा है। पर्दे के पीछे चल रहे इन घटनाक्रम की चर्चाओं से सोशल मीडिया का बाजार गर्म है। 

भाजपा और नेशनल कांफ्रेंस के बीच बैक डोर में चर्चा की बात जब सामने आई तो नेशनल कांफ्रेंस को इसका जवाब देने पड़ा। पार्टी ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट कर इन चर्चाओं को निराधार बताया, लेकिन सोशल मीडिया यूजर नेकां की चुटकी लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे और इसे नेकां की फितरत बता रहे हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन किया। नेकां ने 51 तो कांग्रेंस ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा। पांच सीटों पर दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। उसके बाद से ही इस गठबंधन पर प्रश्न उठ रहे थे। 

चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पार्टी के नेताओं का एक-एक दूसरे के लिए प्रचार न करना। गठबंधन में होने के बावजूद एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करना जैसी घटनाओं ने विपक्षी दल विशेषकर भाजपा को गठबंधन पर प्रश्न करने का मौका दिया। अब नेशनल कांफ्रेंस और भाजपा के बीच सरकार बनाने को लेकर चर्चाओं पर लोगों ने नेकां को एक बार कठघरे में खड़ा किया है। नेकां के खंडन करने पहले ही महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती के ट्वीट ने ने इन चर्चाओं को और ज्यादा वहां दी है। 

 उन्होंने लिखा था की नतीजे भले ही आठ अक्तूबर को ही आएं, लेकिन निश्चिंत रहे की 4डी शतरंज शुरू हो चुकी है। जाहिर है कि मीडिया की चकाचौंध से दूर बहुत कुछ होगा। चिनार के पेड़ों को छोड़कर कश्मीर में कुछ भी सीधा नहीं हैं। लोग भी सोशल मीडिया पर नेकां के खंडन को लेकर गंभीरता से नहीं ले रहे है। लोगों का कहना है नेकां का ऐसा करने का इतिहास रहा है। 

 आमीर राशि द नाम के यूजर ने लिखा है की नेशलन कांफ्रेस पर विश्वास नहीं है। जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा है कि ये आपके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। डॉ. समीर खान नाम के यूजर ने लिखा है अगर ऐसा नहीं है तो नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव ने जम्मू में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से क्यों मुलाकात की। 

 कब तक आप लोगों से सच्चाई छिपाते रहेंगे। अब इसे बंद करो, बंद कमरे में गठबंधन नहीं चलेगा। दूसरों को प्रॉक्सी कहने वाले खुद असल में प्रॉक्सी थे और रहेंगे। एक अन्य यूजर बोले कि आपकी फितरत है आप कर सकते हैं। 
 एक यूजर ने लिखा कि तब आपको पीडीपी के पदचिन्हों पर चलने वाले के रूप में याद किया जाएगा। श्रीनगर शहर के पूर्व मेयर जुनैद मट्टू ने एक्स पर लिखा कि ऐसा लगाता है कि यह महज संयोग था कि भाजपा के दूत और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एक ही दिन और एक ही समय पर पहलगाम में थे। हम कितने मूर्ख हैं। नेकां के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूरे घटना पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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