जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक से गायब रहे ललन सिंह

बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टी तैयारी में जुट गई हैं. इसको लेकर राजधानी में राज्य में सत्तारूढ जनता दल यूनाइटेड की राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग हुई. मीटिंग में सीएम नीतीश कुमार के साथ पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के साथ राज्य में जदयू कोटे के तमाम मंत्री उपस्थित रहे, लेकिन सबसे खास बात यह कि जद यू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह इस मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए. खास बात यह कि ललन सिंह राज्य कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं.

जनता दल यूनाइटेड के इस अहम बैठक को लेकर पार्टी स्तर पर पहले से ही व्यापक तैयारी चल रही थी. जिसके लिए राजधानी में कई जगहों पर पोस्टर बैनर भी लगाये गये थे. जद यू प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में इसका आयोजन हुआ. इसमें हिस्सा लेने के लिए सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी, सुमित सिंह, जयंत राज, जमा खान, प्रदेश जदयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के अलावा जद यू के तमाम मंत्री, पार्टी के अन्य बडे नेता उपस्थित रहे.

अगले विधानसभा चुनाव पर जोर

बैठक के बारे में पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मीटिंग में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की तैयारी के साथ ही एनडीए की तैयारी पर भी चर्चा की गयी. इसके लिए व्यापक विमर्श किया गया .पार्टी सूत्रों से मिली खबर के अनुसार विधानसभा चुनाव में जद यू राज्य की 120 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोकने की तैयारी कर रहा है.

इससे पहले प्रदेश जद यू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा था कि इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने राज्य की 177 सीटों पर अपनी बढत बनायी थी. इस मीटिंग में इस बात पर फोकस किया जाएगा कि इससे बेहतर परिणाम कैसे हो सकते हैं. ज्ञात हो कि सीएम नीतीश कुमार ने कुछ ही दिन पहले जंबो प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया था. इसमें सीएम के साथ 117 अन्य नेता शामिल हैं. पार्टी द्वारा जानकारी दी गयी कि गठन के बाद से इस प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग नहीं हो पायी थी. इसलिए यह मीटिंग बुलायी गयी.

नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बने

ललन सिंह के इस मीटिंग में नहीं आने पर पार्टी के वरिष्ठ विधायक संजीव सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन 225 सीट लाये और नीतीश कुमार फिर से 2025 में मुख्यमंत्री बने इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था. ललन सिंह के सवाल पर कहा कि उनको आना चाहिए था क्योंकि लोग उनको पूछ रहे है, वह केंद्रीय मंत्री भी हैं वह शायद बिजी होंगे इसलिए नहीं आए.

नीतीश कुमार को भारत रत्न मिले

हालांकि उन्होंने मंत्री अशोक चौधरी के बयान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि एकाध लोग ऐसे है जो बयान देते हैं , पार्टी के अंदर ही जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हैं. भूमिहारों के प्रति बयान देते हैं इसका विरोध मैंने पहले भी किया था और अब भी करता हूं. ऐसे बयानों से पार्टी में कुछ असर नहीं होगा क्योंकि भूमिहार जाति शुरू से एनडीए के समर्थन में रही है.

जब भी नीतीश कुमार की सरकार बनी है भूमिहार जाति दमखम से उनके साथ रही है. अशोक चौधरी के राष्ट्रीय महासचिव बनाये जाने पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और यह मेरे समझ से बाहर की बात है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न की मांग करते हुए कहा ,हमारे सारे नेता, कार्यकर्ता चाहते हैं कि नीतीश कुमार को भारत रत्न मिले क्योंकि वह इसके लिए उपयुक्त नेता हैं.

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