कश्मीर में खुला आप का खाता, डोडा विधानसभा सीट पर मेहराज मलिक जीते

जम्मू-कश्मीर की डोडा विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली है. पहली बार जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी का खाता खुला है. उधमपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डोडा विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मेहराज मलिक ने 4,700 वोटों से जीत दर्ज की. मेहराज मलिक को जहां 22,944 वोट मिले तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी गजय सिंह राना को 18,174 वोट मिले. तीसरे नंबर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी रहे. इस सीट पर कुल 13 राउंड तक गिनती चली. काफी समय तक उतार-चढ़वा चलता रहा. अंत में मेहराज मलिक ने बाजी मार ली.

बता दें कि परिसीमन के बाद डोडा विधानसभा क्षेत्र 2 सीटों में बंट गया था, जिसमें एक डोडा और दूसरी डोडा पश्चिम सीट शामिल है. डोडा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है, जबकि डोडा पश्चिम हिंदू बाहुल्य सीट है. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने डोडा सीट पर जीत का परचम लहराया था. पार्टी ने इस बार भी अपना उम्मीदवार नहीं बदला और गजय सिंह राना को टिकट दिया था, लेकिन इस बार गजय सिंह राना चुनाव हार गए.

आम आदमी पार्टी ने सभी को चौंकायानेशनल कॉन्फ्रेंस ने खालिद नजीब सुहरवादी और पीडीपी ने मंसूर अहमद भट को टिकट दिया था. इस सीट पर 9 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे. यहां पहले चरण में 18 सितंबर को वोटिंग हुई थी. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था और वे इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. कांग्रेस की तरफ से शेख रियाज अहमद मैदान में थे, लेकिन काउंटिंग में वह 5वें नंबर पर खिसक गए.

कांग्रेस के उम्मीदवार शेख रियाज ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक सरपंच के रूप में की थी और जब विकार वानी कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब वह जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के महासचिव रहे. उनकी पत्नी जिला विकास परिषद की सदस्य हैं. दूसरी ओर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार नजीब सुहरवादी एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता मौलाना अताउल्लाह सुहरवादी ने 1996 के विधानसभा चुनावों में डोडा से जीत हासिल की थी. नजीब ने अपने पिता के निधन के बाद 1997 में हुए उपचुनाव में डोडा से जीत हासिल की. वे 2001 से 2002 तक जम्मू-कश्मीर के गृह मंत्री रहे और 2009 से 2015 तक एमएलसी के रूप में भी कार्य किया. उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है.

4,700 वोटों से जीते मेहराज मलिक

डोडा विधानसभा सीट पर सुबह जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो यहां बीजेपी के गजय सिंह राना ने बढ़त बना ली थी. धीरे-धीरे जब काउंटिंग आगे बढ़ी तो चौथे राउंड तक आम आदमी पार्टी के मेहराज मलिक आगे निकल गए. फिर 7वें राउंड में फिर से उलटफेर हुआ और गजय सिंह राना 2 हजार वोटों से आगे हो गए. एक समय ऐसा आया कि जब बीजेपी उम्मीदवार गजय सिंह राना तीसरे नंबर पर खिसक गए. दूसरे नंबर पर DPAP के अब्दुल मजीद वानी आ गए. हालांकि 13 राउंड की काउंटिंग पूरी होने तक मेहराज ने करीब 4,700 वोटों की लीड लेकर जीत दर्ज कर ली.

बीजेपी 2014 में पहली बार जीती

डोडा विधानसभा सीट पर पहली बार 1962 में चुनाव कराया गया था, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपनी जीत दर्ज की. इसके बाद, 1967 में भी पार्टी ने अपनी स्थिति को बनाए रखा, लेकिन 1972 में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराया. 1977 में पहली बार जनता पार्टी ने जीत हासिल की, लेकिन 1983 के चुनावों के परिणाम पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. 1987, 1996 और 1997 में नेशनल कॉन्फ्रेंस, 2002 में एक निर्दलीय और 2008 में कांग्रेस ने जीत हासिल की. अंततः बीजेपी ने पहली बार 2014 के चुनाव में विजय प्राप्त की.

बीजेपी 2014 में पहली बार जीती

डोडा विधानसभा सीट पर पहली बार 1962 में चुनाव कराया गया था, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपनी जीत दर्ज की. इसके बाद, 1967 में भी पार्टी ने अपनी स्थिति को बनाए रखा, लेकिन 1972 में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराया. 1977 में पहली बार जनता पार्टी ने जीत हासिल की, लेकिन 1983 के चुनावों के परिणाम पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. 1987, 1996 और 1997 में नेशनल कॉन्फ्रेंस, 2002 में एक निर्दलीय और 2008 में कांग्रेस ने जीत हासिल की. अंततः बीजेपी ने पहली बार 2014 के चुनाव में विजय प्राप्त की.

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