राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि केस में दर्ज हुए वादी के बयान

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मानहानि के मामले में बुधवार को सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. वादी के बयान दर्ज किए गए. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को सुनवाई को होगी. इस मामले में 20 फरवरी से राहुल गांधी जमानत पर हैं. 26 जुलाई को उन्होंने अपना बयान दर्ज करवाया था. कर्नाटक चुनाव के दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को लेकर बयान दिया था. इसी को लेकर केस चल रहा है.

वादी बीजेपी नेता विजय मिश्रा के वकील संतोष कुमार पांडेय ने बताया, बुधवार को कोर्ट में वादी का बयान दर्ज किया गया. वहीं, राहुल गांधी के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि विजय मिश्रा ने कोर्ट में साक्ष्य पेश किए. उन्होंने वादी से जिरह की. विजय मिश्रा ने साल 2018 में कोर्ट में राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

26 जुलाई को राहुल गांधी ने दर्ज कराया था बयान

उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमित शाह को लेकर अभद्र टिप्पणी की. इससे वो आहत हुए. इस मामले में 26 जुलाई को राहुल गांधी ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया था. उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था. साथ ही कहा था कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है. कोर्ट ने इस साल जून में उनको जमानत दी थी.

नासिक की एक अदालत का राहुल गांधी को समन

बीते महीने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कोमहाराष्ट्र में नासिक जिले की एक अदालत ने समन जारी किया. उन पर वीर सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नासिक, दीपाली परिमल केडुस्कर ने राहुल को नोटिस जारी किया. इसमें कहा गया है कि एक देशभक्त व्यक्ति के खिलाफ दिया गया बयान अपमानजनक प्रतीत होता है.

शिकायतकर्ता ने कहा है कि राहुल ने अपने भाषण और दृश्य चित्रणों से सावरकर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया. ये उन्होंने जानबूझकर किया. उन्होंने समाज में सावरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश की. शिकायतकर्ता के अनुसार, राहुल ने कहा कि सावरकर बीजेपी और आरएसएस के जिन्न हैं. उनकी यह टिप्पणी मानहानिकारक है.

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