कूटनीति, कड़े शब्द और पाक की धुलाई… इस्लामाबाद में भारत की दहाड़

9 साल बाद भारत की ओर से कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान दौरे पर पहुंचा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ही मंच से दो पड़ोसी दुश्मनों को डायरेक्ट मैसेज दिया. जगह थी…इस्लामाबाद का जिन्ना कन्वेंशनर सेंटर. मंच था SCO समिट का. जब एस जयशंकर को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के गुरु चीन की कूटनीतिक स्टाइल में तल्ख शब्दों से धुलाई कर दी. वो भी SCO समिट के सभी देशों के प्रतिनिधिमंडल के सामने.

एस जयशंकर ने पाकिस्तानी पीएम से हाथ भी मिलाया. साथ में डिनर किया. ग्रुप फोटो भी खिंचवाई और जब मंच पर बोलने का मौका मिला तो चुन-चुनकर पाकिस्तान को उसकी गलतियों, गलत नीतियों और गलत नीयत का एहसास भी दिला दिया. ये भारत का आक्रामक अंदाज था, जिसके सूत्रधार भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर बने.

हैंडशेक वाली डिप्लोमेसी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 12 घंटे के अंदर दूसरी बार पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से हाथ मिलाया. पहली बार मंगलवार को मिलाया था जब इस दौरे के दौरान पहली बार मुलाकात हुई थी. बुधवार को जब SCO समिट में एस जयशंकर जिन्ना कन्वेंशन सेंटर पहुंचे तो दूसरी बार हैंडशेक वाली डिप्लोमेसी देखने को मिली.

दो बार हाथ मिलाने का मतलब ये नहीं कि भारत जरूरी मुद्दों पर सॉफ्ट हो जाएगा. शिष्टाचार अपनी जगह है और सच अपनी जगह. जब मंच से बोलने का मौका मिला तो चीन और पाकिस्तान के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जो आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सीने में शूल की तरह चुभ रहे होंगे.

आतंकवाद के साथ व्यापार संभव नहीं

एस जयशंकर ने पाकिस्तान के लिए साफ-साफ शब्दों में कहा कि आतंकवाद के साथ व्यापार संभव नहीं है. आतंकवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद SCO के लिए गंभीर चुनौती हैं. अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं गायब है. बेहतर रिश्तों के लिए भरोसा जरूरी है. साथ में सलाह भी दे दी कि आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है.

इस मंच पर चीन के प्रधानमंत्री भी मौजूद थे, जिनके स्वागत में मंगलवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दौड़ते हुए एयरपोर्ट तक गए थे. चीन के प्रधानमंत्री के सामने एस जयशंकर ने कहा कि सभी देशों को एक दूसरे के बॉर्डर का सम्मान करना चाहिए. जंग से विकास पर असर पड़ा है. सबकी संप्रभुता का सम्मान जरूरी है.

SCO के मंच से शरीफ ने क्या कहा?

इस पूरी कहानी का एक पक्ष ये भी है कि चीन और पाकिस्तान चुपचाप साजिशों को अंजाम भी देते रहे हैं लेकिन जब भी ऐसा मंच मिलता है तो दुनिया को दिखाने के लिए शांति गीत गाने लगते हैं. सौहार्द की चाशनी में डूबे डॉयलॉग मारने लगते हैं. आज भी यही हुआ. SCO के मंच से शहबाज शरीफ ने क्या कहा ये भी जानिए.

शहबाज शरीफ ने SCO बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि पाकिस्तान शांति, सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक तरक्की चाहता है. एक मजबूत SCO के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है. यानी उनकी भाषा में शांति की ग्लोबल रिपोर्ट्स में इस्तेमाल होने वाले घिसे हुए शब्दों की भरमार थी.

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