टीचर ने बच्चों को दिया शराब वाला उदाहरण, अब विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण

बिहार के मोतिहारी जिले से बच्चों को शराब का उदाहरण देकर पढ़ाने का मामला सामने आया है. एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में शराब बंदी के बावजूद हर साल हजारों लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ स्कूल में शराब की मार्केटिंग की जा रही है. स्कूल में पढ़ाया जा रहा है कि हाथ-पांव फूलने का मतलब होता है, समय पर शराब का नहीं मिलना. इस तरह के उदाहरण देकर स्कूल में बच्चों के मुहावरे याद करवाए जा रहे हैं. इस संबंध में एक फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.

मोतिहारी जिले के चर्चित ढाका प्रखण्ड के जमुआ के एक स्कूल में बच्चों को शराब का उदाहरण देकर पढ़ाया जा रहा है. बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर हिंदी के मुहावरे शराब का उदाहरण देकर याद करवाए जा रहे हैं. एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में शराबबंदी है. वहीं दूसरी तरफ इस तरह की घटना समाज में शराब की मार्केटिंग करती हुई नजर आ रही है. स्कूल में बच्चों को अजब-गजब ढंग से हिंदी के मुहावरे पढ़ाए जा रहे हैं.

शराब का उदाहरण देकर पढ़ाई

बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि हाथ पांव फूलने का मतलब होता है समय पर दारू का नहीं मिलना, कलेजा ठंडा होना का मतलब होता है पैग का गले के नीचे नहीं उतरना और नेकी कर दरिया में डाल का मतलब फ्री में दोस्तों को शराब पिलाना पढ़ाया जा रहा है. ढाका प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि स्कूल में शराब का उदाहरण देकर पढ़ाई कराने वाली बात सही है.

विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण

कुमार ने बताया कि शराब का उदाहरण देकर बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिका विनीता कुमारी ने उनसे फोन पर माफी मांगी है. वहीं, पदाधिकारी कुमार ने शिक्षिका विनीता से मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. जमुआ स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुलेखा झा ने बताया कि स्कूल में चौथी क्लास के बच्चों को शराब का उदाहरण देकर पढ़ाया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार ने शराब की पढ़ाई करवाने वाली महिला शिक्षिका से सभी शैक्षणिक एवं अन्य प्रमाण पत्र के साथ स्पष्टीकरण की मांग की है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here