कन्नौज के बहुचर्चित किशोरी दुष्कर्म कांड में दाखिल चार्जशीट पर शुक्रवार को पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई की गई। तीन घंटे तक चली बहस के बाद आरोपी नवाब सिंह यादव, नीलू और पीड़िता की बुआ पर आरोप तय किए गए। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया। अब 28 अक्तूबर निर्णय सुनकर तीनों पर मुकदमे का ट्रायल शुरू किया जाएगा।
जिला एवं सत्र न्यायालय में स्थित पॉक्सो कोर्ट में किशोरी दुष्कर्म कांड में दाखिल चार्जशीट पर बहस हुई। बचाव पक्ष से चार अधिवक्ताओं ने आरोपियों का पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष में तीन घंटे तक बहस चली।

बचाव पक्ष को दुष्कर्म की धारा 65(1) भारतीय न्याय संहिता पर आपत्ति थी। अधिवक्ताओं को फोरेंसिक जांच रिपोर्ट पर भी आपत्ति थी और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, उनके साक्ष्य भी दिए हैं और चार्जशीट एवं केस डायरी में उसका उल्लेख किया गया गया। इससे संबंधित पर्याप्त गवाह भी पुलिस के पास हैं।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अलका यादव ने फैसला सुरक्षित कर लिया और मुकदमे का ट्रायल शुरू करने के लिए 28 अक्तूबर की तारीख निश्चित कर दी। मुकदमा किन धाराओं में चलेगा, अभी इसकी जानकारी अभियोजन और बचाव पक्ष ने नहीं दी है।
नवाब सिंह यादव और बुआ पर एक समान धाराएं लगीं
विदित हो कि मुख्य आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव और बुआ पर एक समान धाराएं लगीं हैं, जबकि सह आरोपी नीलू यादव पर साक्ष्य मिटाने की धारा लगी है। पुलिस की तरफ से विवेचक सदर कोतवाल कपिल दुबे भी कोर्ट में पेश हुए थे।
पुलिस ने नवाब सिंह यादव को 12 अगस्त को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इलेक्ट्रॉनिक और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने 450 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, जिस पर शुक्रवार को लगे आरोपों पर बहस की गई और फैसला सुरक्षित कर लिया गया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई आरोपियों की पेशी
पॉक्सो कोर्ट में तीनों आरोपियों नवाब सिंह यादव, पीड़िता की बुआ और नीलू यादव की जिला कारागार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई थी। बचाव पक्ष ने उन्नाव, कन्नौज के चार अधिवक्ताओं को खड़ा किया था। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य और गवाह है, इसी आधार पर आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी।

सजा पर जल्द फैसला आने की उम्मीद
भारतीय न्याय संहिता में गंभीर आपराधिक मुकदमों पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है। अभी तक कई स्थानों पर एक जुलाई से लागू भारतीय न्याय संहिता के मुकदमों में निर्णय आ चुका है। माना जा रहा है कि नवाब सिंह यादव के मामले में भी फैसला जल्द आएगा। मुकदमे का ट्रायल शुरू होने के बाद गवाही होगी और साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को कड़ी सजा हो सकती है।