चुनाव प्रचार में शरद पवार के वीडियो इस्तेमाल करने पर अजित को एससी की फटकार

सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी के अजित पवार गुट को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट अजित पवार गुट को “विधानसभा चुनाव में एक स्वतंत्र पार्टी के रूप में लड़ने” का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी के अजित पवार गुट को चुनाव प्रचार में शरद पवार के किसी भी ऑडियो या वीडियो का उपयोग न करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि गुट को एक इलेक्ट्रॉनिक सर्कुलर जारी कर सभी उम्मीदवारों को सूचित करना चाहिए कि वे शरद पवार के वीडियो का इस्तेमाल न करें.

सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट से यह भी जांच करने को कहा है कि उनके द्वारा प्रसारित किया गया शरद पवार का संदेश असली है या नहीं. कोर्ट ने दोनों गुटों से मतदाताओं की समझ पर भरोसा रखने और चुनावी मैदान पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी.

इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी, जो महाराष्ट्र चुनाव से एक दिन पहले है. जस्टिस सूर्यकांत ने अजीत पवार के वकील से कहा चाहे वह पुराना वीडियो हो या न हो, शरद पवार के साथ आपका वैचारिक मतभेद है और आप उनके खिलाफ लड़ रहे हैं. फिर तुम्हें अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को लगाई फटकार

बता दें कि एनसीपी पार्टी में फूट के बाद अजित पवार और शरद पवार अलग-अलग पार्टी बन गई. इसके बाद एनसीपी शरद पवार गुट ने पार्टी और सिंबल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. साथ ही शरद पवार गुट ने यह भी आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का अजित पवार गुट द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है. याचिका पर 7 नवंबर को सुनवाई हुई. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार ग्रुप को 36 घंटे के अंदर अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि घड़ी चुनाव चिन्ह का मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी अजित पवार गुट को कुछ अहम निर्देश दिए हैं. अजित पवार के गुट को स्वतंत्र पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ना चाहिए. एक इलेक्ट्रॉनिक परिपत्र बनाएं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आप के उम्मीदवार और कार्यकर्ता शरद पवार की फोटो और वीडियो का इस्तेमाल न करें. साथ ही हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों का बिल्कुल पालन करें. कोर्ट ने अजित पवार गुट से यह भी लिखने को कहा है कि यह मामला हर जगह विचाराधीन है.

शरद पवार का पुराना वीडियो इस्तेमाल करने पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि अजित पवार गुट और शरद पवार गुट को चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. शरद पवार के वकील ने शिकायत की है कि अजित पवार द्वारा बार-बार शरद पवार की फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मामले में बोलते हुए कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की. हमेशा ऐसा नहीं होता कि वीडियो आदि मतदाताओं को प्रभावित करें, कभी-कभी ऐसा होता है. कोर्ट ने सलाह दी कि हमारे देश की जनता बहुत बुद्धिमान है, उन्हें कोई धोखा नहीं दे सकता.

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि भले ही वीडियो पुराना हो या कुछ भी हो, आप शरद पवार का चेहरा क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं? ऐसा सवाल अजित पवार से पूछा गया. आपके सभी उम्मीदवारों को शरद पवार के फोटो और वीडियो का उपयोग क्यों करना चाहिए? अगर आपके बीच वैचारिक मतभेद हैं तो आपको अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए, अजित पवार ने समूह फटकार लगाई. अजित पवार समूह ने स्पष्ट किया कि हम किसी भी तरह से उनकी तस्वीरों और वीडियो का उपयोग नहीं कर रहे हैं.

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