कैप्टन पीसी गुप्ता का 14 नवंबर गुरुवार को निधन हो गया। वे इंदौर की नब्ज पहचानने वाले एक ऐसे अधिकारी थे जिनके शहर के अधिकांश जिम्मेदार लोगों से प्रिय संबंध थे। कांग्रेस, भाजपा के नेता हों या फिर शहर के प्रमुख सामाजिक संगठन सभी जगह पीसी गुप्ता के संबंध मिलनसार रहे।
सख्ती और विनम्रता दोनों की मिसाल थे
अभ्यास मंडल के शिवाजी मोहिते ने बताया कि कैप्टन गुप्ता ने इंदौर में एडीएम के रूप में खास पहचान बनाई। कानून का मजाक उड़ाने वालों के लिए वे बहुत सख्त थे और दोस्तों के लिए बेहद विनम्र और रिश्तों को जिंदा रखने वाले थे। एडीएम के पद के बाद उन्होंने इंदौर में नगर निगम आयुक्त का पद भी संभाला। कैप्टन के बाद उनके भाई रामेश्वर गुप्ता भी इंदौर एडीएम रहे।
कानून की सख्ती के लिए पहचाने जाते थे
मोहिते ने बताया कि वे कानून की सख्ती के लिए पहचाने जाते थे। उनके रहते शहर में चक्काजाम, उपद्रव करना असंभव सा था। अपराधियों को सीधे खदेड़ने की उनकी शैली ने कई अधिकारियों को काम करने का नया तरीका सिखाया। शहर हित के लिए वे हमेशा आगे रहते थे। सामाजिक कार्यों से लेकर सार्वजनिक मंचों पर भी उन्होंने हमेशा इंदौर के हित के लिए आवाज उठाई। प्रशासनिक पद पर रहते हुए उन्होंने शहर हित में हरसंभव कार्य किया और रिटायर्ड होने के बाद भी वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। उनसे सलाह लेने के लिए शहर के वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक संगठन हमेशा आते थे।