सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि मीरापुर में चुनाव नहीं हुआ। पुलिस-प्रशासन ने मुस्लिम मतदाताओं को मतदान से रोका है। पर्यवेक्षक से बात की गई, लेकिन समाधान नहीं निकला। हमनें पर्यवेक्षक से यह भी कह दिया कि कुछ कर नहीं सकते तो जिला छोड़ दें।
मीरापुर उपचुनाव पर सांसद ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर इसी तरह का चुनाव होना था तो कोई एमएलए नामित कर दिया जाना चाहिए था। लोकतंत्र की हत्या कर दी गई। अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की गई। ककरौली, सीकरी, जौली समेत अन्य मुस्लिम बहुल गांवों में मतदान नहीं करने दिया गया। ककरौली में पुलिस ने उत्तेजक कार्रवाई की। कोई कसर नहीं छोड़ी गई। गांव में कोई दूसरा पक्ष नहीं था। सपा कार्यकर्ताओं को अपनी जान और इज्जत बचानी भारी है। पुलिस ने उनके घर पहुंचकर भी मूवमेंट नहीं करने देने की बात कही थी।