मीरापुर उपचुनाव: मिथलेश पाल के सिर सजा जीत का ताज, बोलीं-योगी और जयंत के भरोसे की जीत

मीरापुर उपचुनाव में रालोद की मिथलेश पाल ने 30 हजार मतों से सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा को हराकर जीत हासिल की है। 2009 के बाद जीत से दूर हुई पूर्व विधायक मिथलेश पाल की वापसी रालोद के वजूद का भी इम्तिहान थी। उनकी जीत के साथ ही भाजपा के साथ नए गठबंधन में हुए चुनाव से 2027 के समीकरण बनेंगे।   

कुल 30426 वोटों के अंतर से मिली जीत
रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने 30426 वोटों के अंतर से सपा की सुम्बुल राना को हरा दिया है। मिथलेश को 83852 वोट मिले, जबकि सुम्बुल राना 53426 वोट ही हासिल कर सकी। मिथलेश पाल उपचुनाव जीतकर दूसरी बार विधानसभा  पहुंची है। इससे पहले साल 2009 में भी वह मोरना से विधायक रही है।

बसपा प्रत्याशी की जमानत जब्त
बसपा प्रत्याशी शाह नजर 3181 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। आसपा के जाहिद हुसैन 22400 वोट मिले। चौकाने वाली बात यह रही कि एआईएमआईएम के प्रत्याशी अरशद राना को 18867 वोट मिले। सपा की हार की मुख्य वजह ओवैसी फैक्टर बन गया।

योगी और जयंत के भरोसे की जीत : मिथलेश पाल
मीरापुर की नवनिर्वाचित विधायक मिथलेश पाल ने कहा कि उनकी जीत सीएम योगी आदित्यनाथ और रालोद अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिंह के भरोसे की जीत है। चौधरी अजित सिंह ने उन्हें हमेशा राजनीति में आगे बढ़ाया। चुनाव के नतीजों की परवाह नहीं की। 2009 में चौधरी अजित सिंह ने टिकट दिया था। चौधरी चरण सिंह की नीतियों पर चलते हुए वह हमेशा किसान-मजदूरों के हित की लड़ाई लड़ेंगी। 

मिथलेश पाल ने देखा है राजनीति का लंबा सफर
उपचुनाव में भाजपा के कोटे से रालोद का टिकट हासिल करने वाली मिथलेश पाल ने लंबा सियासी दौर देखा है। बसपा के टिकट पर 1995 में जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। 2009 में मोरना विधानसभा के उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंची। इसके बाद तीन विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन दोबारा जीत नहीं मिली। वह भाजपा में शामिल हो गई थी।

समीकरण बदले तो मिला माैका, बोली- पार्टी की शुक्रगुजार हूं
समीकरण बदले तो एक बार फिर उन्हें मीरापुर से उपचुनाव लड़ने का मौका मिला। देखने वाली बात यह होगी कि 15 साल बाद विधानसभा में उनकी वापसी होगी या नहीं। भाजपा के साथ नए गठबंधन में मीरापुर सीट रालोद के हिस्से में आई।

2027 की तैयारी में जुटे रालोद के लिए उपचुनाव असल में वजूद का इम्तिहान है। मीरापुर में जीत मिली तो पश्चिम यूपी में सीटों के बंटवारे में रालोद की दावेदारी बढ़ेगी। यही वजह है कि रालोद ने पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ाया है। यहां तक कि खुद जयंत चाैधरी ने क्षेत्र में पहुंचकर रैलियां की तो वहीं रोड शो भी किया। 

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